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शाहीनबाग के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी तक सुनवाई टाल दी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दिल्ली के शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर 10 फरवरी को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हमें लोगों की परेशानी के बारे में जानकारी है.

Updated on: 07 Feb 2020, 12:10 PM

नई दिल्‍ली:

दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पिछले 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार के लिए टाल दी. सुनवाई टालते हुए कोर्ट ने जो टिप्पणी की, उससे साफ है कि कल होने वाले दिल्ली चुनाव को देखते ही कोर्ट ने सुनवाई टालने के फैसला लिया. आज जैसे ही ये मामला सुनवाई के लिए आया, जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि हम समझते है कि दिक्कत हो रही है, लेकिन हमारे लिए बेहतर होगा कि हम सोमवार को सुनवाई करें. इस पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि कल दिल्ली में चुनाव है, ट्रैफिक की दिक्कत हो रही है. इससे पहले ही इसे सुन लिया जाए. इस पर कोर्ट ने कहा - यही वजह है कि हम सोमवार को सुनवाई करेंगे. आपने हमारे मन की बात को समझ लिया. हमें चुनाव से पहले इस मामले क्यों सुने? इसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सोमवार (10 फरवरी) के लिए इंतजार करने को कहकर सुनवाई को टाल दिया.

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सुप्रीम कोर्ट में वकील अमित साहनी और बीजेपी नेता नंदकिशोर गर्ग ने अर्जी दायर की है. दोनों अर्जी में कहा गया था कि शाहीन बाग में पिछले 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रदर्शनकारी जुटे हुए हैं. दिल्ली से नोएडा जाने वाली सड़क पर जाम होने की वजह से आने जाने वालों लोगों को खासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है. लिहाजा प्रदर्शनकारियों को हटाया जाए.

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शाहीन बाग में हो रहे भाषणों पर ही नज़र रखने की मांग
अमित साहनी की ओर से दायर अर्जी में यह भी कहा गया था कि कोर्ट दिल्ली पुलिस को निर्देश दे कि वहां मौजूद राजनेताओं, आयोजको और समर्थकों की गतिविधियों पर नजर रखे. कोर्ट पुलिस से कहे कि वहां होने वाला भाषणों पर नजर रखी जाए कि क्या उनके जरिये कानून व्यवस्था की स्थिति खराब तो नहीं हो रही है, ताकि देशद्रोही संगठन इस संजीदा स्थिति का फायदा न उठा पाएं.