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टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा के किसान ने की आत्महत्या, कई दिनों से आंदोलन में थे शामिल

हरियाणा के 55 वर्षीय किसान ने रविवार सुबह दिल्ली के टिकरी-बहादुरगढ़ बॉर्डर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

Updated on: 07 Mar 2021, 02:43 PM

highlights

  • दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या
  • हरियाणा के किसान राजबीर ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
  • नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी है किसानों का आंदोलन

नई दिल्ली:

किसान आंदोलन के 101वें दिन किसान आंदोलन में शामिल एक और किसान ने आत्महत्या कर ली है. हरियाणा के 55 वर्षीय किसान ने रविवार सुबह दिल्ली के टिकरी-बहादुरगढ़ बॉर्डर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस के मुताबिक, आत्महत्या करने वाला किसान हरियाणा के हिसार जिले का रहने वाला था. किसान की पहचान राजबीर के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि राजबीर ने धरना स्थल के नजदीक एक पेड़ पर फांसी लगाकर खुदकुशी की है. राजबीर बीते काफी समय से नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डरों पर जारी किसान आंदोलन से जुड़े हुए थे.

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केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध किसानों का आंदोलन लगातार 101वें दिन भी जारी है. कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों के नेता दिल्ली के टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे हुए हैं. नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं लेकिन सरकार ने इसे वापस लेने से साफ इंकार कर दिया है. हालांकि, सरकार इन कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार है. इसी कड़ी में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी आज किसानों के समर्थन में उत्तर प्रदेश के मेरठ में महापंचायत करेंगी. बताते चलें कि तमाम विपक्षी पार्टियां किसान के समर्थन में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रही हैं.

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पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सैकड़ों किसान दिल्ली की सीमाओं पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन के 87 दिनों का आंकड़ा जारी किया था. संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक 87 दिनों में 248 किसानों की जान जा चुकी है. मारे गए किसानों में सबसे ज्यादा पंजाब के थे. ज्यादातर किसानों की मौत दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से हुई थी. यह आंकड़े 26 नवंबर से 20 फरवरी तक के हैं.