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ग्रेटर नोएडा: शाहबेरी में तोड़े जाएंगे अवैध मकान, सर्वे के बाद लिया गया फैसला

इसके लिए डीएम और एसएसपी को चिट्ठी भी लिखी गई है. इस चिट्ठी में प्राधिकरण ने अनुरोध किया है कि इमारतों को गिराने के लिए एक तारीख तय कर दी जाए

Updated on: 18 Jul 2019, 08:21 AM

नई दिल्ली:

ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में पिछले साल दो इमारतें ढह गईं थी जिसमें कई मासूम लोगों की मौत हो गई थी. ऐसे हादसे दोबार न हो, इसके लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सख्त कदम उठाए हैं. इस कदम के तहत प्राधिकरण ने शाहबेरी में बनाई गई अवैध इमारतों को गिराने का फैसला लिया है. इसके लिए डीएम और एसएसपी को चिट्ठी भी लिखी गई है. इस चिट्ठी में प्राधिकरण ने अनुरोध किया है कि इमारतों को गिराने के लिए एक तारीख तय कर दी जाए.

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खबरों के मुताबिक पिछले साल शाहबेरी में इमारतों के गिरने के बाद प्राधिकरण-प्रशासन ने यहां सर्वे कराया था जिसमें पता चला 1043 इमारतें ऐसी थी जिसे लोगों ने जमीन खरीद कर खुद बनाया है जबकि 450 इमारतें ऐसी हैं जिन्हें बिल्डरों ने बनाया. बिल्डरों द्वारा बनाई गईं इमारतों में कई इमारतें 5 मंजिला भी हैं. इसके अलावा 5 इमारतें व्यावसायिक हैं. प्राधिकरण की तरफ से इन सभी इमारतों को अवैध माना गया है इन्हें गिराने का फैसला लिया गया है. 

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खबरों के मुताबिक इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए प्राधिकरण का कहना है कि पिछले दिनों मुंबई और हिमाचल प्रदेश में जैसी घटनाएं हुईं, हम नहीं चाहते वैसी ही घटनाएं यहां हों. वहीं ग्रेटर नोएडी प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण का कहना है कि शाहबेरी में बनी इमारतें अवैध हैं. यहां सुप्रीम कोर्ट के स्टे लगाने की वजह से जमीन का अधग्रहण लंबित है. बिना नक्शे के इमारतें बना दी गईं है. इन्हें नियमित नहीं किया जा सकता है. बता दें, पिछले साल 17 जुलाई को यहां दो इमारतें गिर गईं थी जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी.