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सरकार ने वन अधिनियम में संशोधन का मसौदा वापस लिया: प्रकाश जावड़ेकर

जावड़ेकर ने कहा कि मसौदे को केन्द्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर तैयार नहीं किया था

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Sushil Kumar
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Union Minister Prakash Javadekar

प्रकाश जावड़ेकर( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

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केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने वन अधिनियम 1927 में संशोधन से जुड़ा मसौदा वापस ले लिया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मोदी सरकार आदिवासियों और वनवासियों के अधिकारों की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है. जावड़ेकर ने कहा कि मसौदे को केन्द्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर तैयार नहीं किया था. केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री जावड़ेकर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, "सरकार आदिवासियों और वनवासियों को और अधिकार तथा न्याय दिलाने के लिये प्रतिबद्ध है." उन्होंने कहा, "कुछ अधिकारियों ने यह प्रयास किया था क्योंकि कुछ राज्यों के अपने वन अधिनियम हैं.

लिहाजा, कुछ अधिवक्ताओं और अधिकारियों ने आम राय के आधार पर मसौदा तैयार किया था. यह सीमित समय के लिये था. इसे लेकर विरोध हुआ क्योंकि मसौदे से यह धारणा बनी कि सरकार वन अधिनियम में संशोधन कर इसमें से आदिवासी समर्थक प्रावधान हटाना चाहती है." जावड़ेकर ने कहा, "हम इस तथाकथित 'मसौदे' को पूरी तरह वापस ले रहे हैं, लिहाजा किसी के मन में यह संदेह नहीं होना चाहिये कि सरकार आदिवासियों के अधिकार छीन रही है." प्रस्तावित मसौदे में वन अधिकारियों को जंगल की संपदाओं को प्रबंधित करने का ज्यादा अधिकार दिया गया था. इसमें अधिकारियों को वन संबंधित अपराधों में शामिल लोगों को गोली मारने का अधिकार दिया गया था. इस प्रावधान की काफी आलोचना हुयी थी. 

Source : Bhasha

Modi Government Forest wing prakash Javdekar
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