आम आदमी पार्टी 14 साल पहले अस्तित्व में आई थी. इस दौरान पार्टी ने बीते एक दशक में भारतीय राजनीति में बड़े बदलाव किए हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाए हैं. जनता को मुफ्त में मूलभूत सुविधाएं देकर बड़ी राहत दी. यही कारण है कि अन्य दल अब खुद चुनावी राज्यों में इस तरह के ऐलान कर रहे हैं. हालांकि हकीकत यह है कि वे इस तरह की योजना को लागू नहीं कर पा रहे हैं. जैसे फ्री बिजली की योजना, दिल्ली और पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार रही हैं. दोनों राज्य फ्री बिजली योजना को सफलता पूर्वक लागू किया गया.
आपको बता दें कि दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली फ्री है. 400 यूनिट के लिए आधी कीमत देनी पड़ती है. मुफ्त बिजली योजना के बाद भी दिल्ली में बिजली आपूर्ति निर्बाध जारी है. भीषण गर्मी के कारण जब देशभर के कई राज्यों की राजधानियों में लंबे पावर कट लग रहे थे तो वहीं दिल्ली उस दौरान भी अन्य राज्यों से आगे है. बीते 19 जून को दिल्ली की पीक पॉवर डिमांड 8656 मेगावाट हो गई थी. उस समय पॉवर कट की कोई खबर नहीं आई. मई से जून के बीच 8 दिन ऐसे रहे थे, जब दिल्ली में पीक पॉवर डिमांड 8000 मेगावाट से अधिक रही. मगर इस दौरान भी पूरी दिल्ली में लगातार बिजली आपूर्ति पूरी होती रही.
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दिल्ली वाले काफी फायदे में हैं
केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली सरकार आम लोगों को फ्री बिजली देकर जो बचत करा रही है, ऐसा उदाहरण अन्य कहीं भी नहीं मिलता. 200 यूनिट तक का बिजली उपयोग इस्तेमाल करेंगे तो दिल्ली में मुफ्त ही है. मगर 400 यूनिट के उपयोग पर के इस्तेमाल में भी दिल्ली वाले काफी फायदे में हैं. 400 यूनिट बिजली के इस्तेमाल के मामले में गुजरात और हरियाणा वालों को दिल्ली वालों से करीब दो गुना ज़्यादा पैसे का भुगतान करना पड़ता है, जबकि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में तो 400 यूनिट बिजली का इस्तेमाल दिल्ली की तुलना में करीब 4 गुना अधिक महंगा है.
400 यूनिट इस्तेमाल पर भी जीरो बिल की तैयारी
दिल्ली सरकार अब 400 यूनिट या उससे ज़्यादा बिजली के उपयोग पर बिल को मुफ्त जाने पर विचार कर रही है. नई योजना के तहत आम आदमी पार्टी को बिजली के ज़रिए कमाई का भी मौका दे रही है. यह योजना न सिर्फ आम लोगों की जेब पर पड़ने वाले भार को कम करेगी, बल्कि पर्यावरण और पारिस्थितिकी के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगी. दिल्ली सरकार की नई सोलर पॉलिसी ऐसे कई मायनों में खास है. 14 मार्च 2024 को दिल्ली सरकार ने अपनी नई सोलर पॉलिसी लॉन्च की थी. इस सोलर पॉलिसी के ज़रिए दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक दिल्ली में इस्तेमाल होने वाली 25% ऊर्जा की पूर्ति सौर ऊर्जा से हो.