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गाजीपुर साइट पर लगी तीसरे दिन भी नहीं बुझी, धुएं से लोग परेशान

आग लगने के कारण लोगों के धुएं से सांस लेने में बहुत समस्या हो रही है. बुजुर्ग और बच्चों को घर के अंदर भी रहने में परेशानी हो रही है. जिस कारण कई लोग अपने अन्य रिश्तेदारों के यहां निकल गए हैं.

Updated on: 30 Mar 2022, 12:51 PM

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सोमवार को लगी थी गाजीपुर कूड़े के ढेर में आग

आसपास के इलाकों के नागरिकों को धुएं से परेशानी

नई दिल्ली:

पूर्वी दिल्ली स्थित गाजीपुर लैंडफिल साइट पर सोमवार को लगी अचानक आग तीसरे दिन भी नहीं बुझ पाई है और दमकल गाड़ियां मौके पहुंच आग पर काबू पाने में जुटी हुई हैं. इसी बीच स्थानीय निवासियों के मुताबिक, कूड़े के ढेर से निकल रहे धुएँ के कारण उन्हें घर छोड़ अपने रिश्तेदारों के यहां जाना पड़ रहा है. दरअसल आग लगने के कारण लोगों के धुएं से सांस लेने में बहुत समस्या हो रही है. बुजुर्ग और बच्चों को घर के अंदर भी रहने में परेशानी हो रही है. जिस कारण कई लोग अपने अन्य रिश्तेदारों के यहां निकल गए हैं और धीरे- धीरे वापस आ रहे हैं.

स्थानीय निवासी रुखसाना ने बताया कि आग लगने के कारण हालत बेहद खराब हो चुकी है, घरों के अंदर धुआं जा रहा है. धुएं के कारण गला खराब हो गया, मास्क लगाकर रहना पड़ रहा है. शाम को जब मुझे किसी अन्य घर जाना हुआ तो मुझे ऑक्सीजन तक लेनी पड़ी. हमारे जानकार और हम खुद अपने रिश्तेदारों के यहां जाने को मजबूर हुए, आग शुरूआत में कंट्रोल हो सकती थी, लेकिन कई देर तक आग न भुजाए जाने के कारण पूरे कूड़े के ढेर ने आग पकड़ ली. एक अन्य निवासी बिलकिश ने बताया कि किसी अन्य रिश्तेदारों के यहां नहीं जाएंगे तो क्या यहां रहकर मरेंगे? मरने की स्थिति बन चुकी है. आग लगने के बाद इतना हाल खराब हुआ कि मेरे बेटे की आंखों से पानी निकलने लगा था। वहीं मेरे खुद आवाज तक नहीं निकल रही थी.

दरअसल लैंडफिल साइट की दूसरी ओर मुल्ला कालोनी, राजवीर कालोनी, घड़ोली विस्तार व कोड़ली कालोनी बसी हुई है. मुल्ला कॉलोनी में ही करीब एक लाख की आबादी रहती है. हर साल यहां के लोगों को इस कूड़े की ढेर से समस्याएं उठानी पड़ती है. यहां के बुजुर्गों में हर साल बीमारी बनी रहती है और किडनी, सांस की बीमारी से सबसे अधिक लोग ग्रहसित हैं. मुल्ला कालोनी आरडब्ल्यूए की एक पदाधिकारी और आम आदमी पार्टी से जुड़ी मुन्नी खातून ने बताया कि कूड़े के ढेर से निकल रहे धुएं के कारण हम अपने रिश्तेदारों के यहां निकल गए थे और आज देर रात ही हम वापस लौटे हैं. इसके अलावा जिन लोगों को सांस की बीमारी है वह लोग भी आज ही वापस आए हैं और कुछ लौट रहे हैं.