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तीस हजारी कांड- लोक अदालतों का कामकाज रहा प्रभावित, बैरंग लौटे फरियादी

तीस हजारी कोर्ट में कल के बवाल का असर न्यायिक कामकाज पर इतवार से ही होने लगा, वकीलों ने सोमवार से हड़ताल की घोषणा की है, लेकिन रविवार को दिल्ली की जिला अदालतों में आयोजित की गई लोक अदालतें भी वकीलों के विरोध प्रदर्शन से प्रभावित हुई

Updated on: 03 Nov 2019, 02:55 PM

नई दिल्ली:

तीस हजारी कोर्ट में कल के बवाल का असर न्यायिक कामकाज पर इतवार से ही होने लगा, वकीलों ने सोमवार से हड़ताल की घोषणा की है, लेकिन रविवार को दिल्ली की जिला अदालतों में आयोजित की गई लोक अदालतें भी वकीलों के विरोध प्रदर्शन से प्रभावित हुई.

तीस हजारी और कड़कड़डूमा कोर्ट में 4 जिलों की लोक अदालत को स्थगित कर दिया गया, जिस वजह से सैकड़ों की संख्या में लोक अदालत आए लोग बैरंग वापस लौट गए, लोगों को काफी परेशानी भी उठानी पड़ी, कड़कड़डूमा कोर्ट में वकीलों और पब्लिक के बीच टकराव की नौबत को देखते हुए न्यायिक अधिकारियों ने भी लोक अदालत स्थगित करने का फैसला किया.

अन्य अदालतों में कामकाज सामान्य तौर पर होता नजर आया. ट्रेफिक चालान और चेक बाउंस के मामलों के लिए आज विशेष तौर पर दिल्ली की सभी जिला अदालतों में लोक अदालतों का आयोजन किया गया, जिसमें मध्यस्थों के जरिए विवादों का बड़ी संख्या में निपटारा होता है, लेकिन तीस हजारी में हुए बवाल का असर आज लोक अदालतों पर भी पड़ा.

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दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत में सबसे बड़ी लोक अदालत का आयोजन किया गया था, क्योंकि यहां पर शाहदरा, ईस्ट दिल्ली और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के तीन डिस्ट्रिक्ट आतें हैं, सैकड़ों की संख्या में लोग सुबह अदालत पहुंच चुके थे, करीब 11:00 बजे वकीलों ने हड़ताल की बात कहकर कामकाज रोक दिया.

दूसरी और तीस हजारी कोर्ट में कल के विवाद को देखते हुए लोक अदालत को पहले ही स्थगित कर दिया गया था. बता दें कि लोक अदालत का आयोजन दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से किया जाता है. वकीलों के विरोध पर न्यूज नेशन की टीम ने पटियाला कोर्ट और नई दिल्ली जिले की लोक अदालत का जायजा लिया तो वहां पर कामकाज सामान्य तौर पर होता नजर आया.

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पटियाला हाउस कोर्ट में दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के मेंबर सेक्रेट्री कमलजीत अरोड़ा और जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवंत कुमार ने ऑन कैमरा कहा कि कल की घटना दुखद है, लेकिन उसका लोक अदालतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, दिल्ली की कई जिला अदालतों में लोक अदालत का काम सामान्य तौर पर जारी है.

तीस हजारी कांड के बाद आज सुबह उच्च स्तरीय बैठक के बाद हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर स्वत संज्ञान लेकर सुनवाई करने का फैसला किया है.