राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की 24वीं बैठक आज आयोजित की गई, जिसमें दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तुत की गई तकनीकी और कानूनी चिंताओं पर विस्तृत चर्चा की गई. बैठक में आयोग ने स्टैच्यूटरी डाइरेक्शन संख्या 89 के कार्यान्वयन की समयसीमा में संशोधन करने का निर्णय लिया.
CAQM ने पहले 23 अप्रैल 2025 को एक निर्देश जारी किया था, जिसके तहत एंड-ऑफ-लाइफ (EoL) वाहनों को पहचान कर उन्हें ईंधन देना बंद करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का आदेश था. यह आदेश दिल्ली में 1 जुलाई 2025, पांच उच्च वाहन घनत्व जिलों — गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और सोनीपत — में 1 नवंबर 2025 और शेष NCR में 1 अप्रैल 2026 से लागू होना था.
हालांकि, दिल्ली सरकार (GNCTD) ने 3 जुलाई और 7 जुलाई 2025 को आयोग को पत्र लिखकर ANPR (ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रेकग्निशन) सिस्टम की तकनीकी खामियों की ओर ध्यान आकर्षित किया. GNCTD ने बताया कि कैमरा पोजीशनिंग, सेंसर और स्पीकर की कार्यप्रणाली में समस्याएं हैं और सिस्टम अभी पड़ोसी राज्यों के डेटा से पूरी तरह एकीकृत नहीं है. इसके साथ ही, HSRP (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) से जुड़ी दिक्कतें भी सामने आईं, जिससे वाहनों की पहचान बाधित हो रही है.
दिल्ली सरकार ने यह भी आशंका जताई कि अगर केवल दिल्ली में यह नियम लागू किया गया तो वाहन मालिक आस-पास के जिलों से ईंधन भरवा सकते हैं, जिससे अवैध क्रॉस-बॉर्डर ईंधन बाज़ार का खतरा बढ़ जाएगा. साथ ही, GNCTD ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 59 का हवाला देते हुए यह तर्क दिया कि केवल समय के आधार पर किसी वाहन को EoL घोषित करना उचित नहीं है; वाहन की फिटनेस और प्रदूषण स्तर को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए.
इन सभी पहलुओं पर विचार करते हुए, CAQM ने निर्देश में संशोधन करते हुए अब आदेश लागू होने की नई तारीखें घोषित की हैं:
• दिल्ली और 5 उच्च वाहन घनत्व जिलों में: 1 नवंबर 2025 से
• अन्य NCR जिलों में: 1 अप्रैल 2026 से
निर्देश के तहत, ANPR कैमरे या अन्य माध्यमों से पहचाने गए EoL वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा और उनके खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई (जैसे जब्ती और निस्तारण) की जाएगी.
CAQM ने NCR राज्यों के परिवहन विभागों को निर्देश दिया है कि वे ANPR सिस्टम को जल्द से जल्द प्रभावी ढंग से स्थापित करें, कर्मचारियों को प्रशिक्षण दें और पेट्रोल पंपों व आम नागरिकों को इस निर्देश की जानकारी व्यापक रूप से दें. साथ ही, EoL वाहनों की संख्या में कमी लाने के लिए की गई कार्रवाइयों की मासिक रिपोर्ट आयोग को भेजी जाए.