logo-image

दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन की पहली बैठक

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन की पहली बैठक का आयोजन मंगलवार को किया गया. बैठक में नॉमिनेटेड और पदेन सदस्यों ने भाग लिया.

Updated on: 30 Mar 2021, 05:04 PM

नई दिल्ली:

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) की अध्यक्षता में दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (Delhi Board Of Education) की पहली बैठक का आयोजन मंगलवार को किया गया. बैठक में नॉमिनेटेड और पदेन सदस्यों ने भाग लिया. पहली बैठक के एजेंडा में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (Society Registration Act), 1860 के तहत दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन का पंजीकरण, दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन का गठन और शैक्षणिक सत्र 2021- 2022 से इसके कामकाज के साथ-साथ बोर्ड के सदस्य मनोनित सदस्यों का परिचय एवं बोर्ड के विजन से अवगत करवाना था.

और पढ़ें: भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक शैक्षणिक इको-सिस्टम : निशंक

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia ) ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि, "दिल्ली में हमारे सभी बच्चों के लिए उच्च गुणवत्ता की शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में दिल्ली बोर्ड फॉर स्कूल एजुकेशन एक महत्वपूर्ण कदम है. पिछले 6 वर्षों में दिल्ली में हमारे काम ने भारत के सरकारी स्कूलों की धारणा को बदल दिया है. हालांकि, हम जानते हैं कि असली काम अब शुरू होता है. अगली पीढ़ी के शिक्षा सुधार मूल्यांकन में सुधारों पर निर्भर करते हैं." उन्होंने कहा कि अब 360 डिग्री मूल्यांकन होना चाहिए, जहां हम समग्र रूप से एक छात्र के ज्ञान, दृष्टिकोण और कौशल का आंकलन कर पाएंगे.

दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के तीन उद्देश्य हैं. पहला, बोर्ड सीखने के रटंत पद्धति को खत्म करने का काम करेगा. यह बोर्ड प्रत्येक विद्यार्थियों की एक समग्र तस्वीर देने की दिशा में आगे बढ़ेगा, जो विषयों में शैक्षणिक क्षमता से आगे बढ़कर विद्यार्थियों में भविष्य के आवश्यक कौशल जैसे कि क्रिटिकल थिंकिंग, रचनात्मकता, 21वीं सदी के कौशल आदि विकसित करेगा."

ये भी पढ़ें: Coronavirus Updates: आठ राज्यों बढ़ रहा है कोरोना, स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई प्रभावित

सिसोदिया ने कहा दूसरा यह कि यह बोर्ड निरंतर फॉर्मेटिव असेसमेंट पर जोर देगा. बोर्ड की स्थापना का मुख्य उद्देश्य मूल्यांकन प्रणाली को 'पार्टनर ऑफ लनिर्ंग बनाना है न कि अथॉरिटी ऑफ टेस्टिंग.' और तीसरा, हम छात्रों में ग्रोथ माइंडसेट को प्रोत्साहित करना चाहते हैं जो नियमित मूल्यांकन का हिस्सा बनकर सुनिश्चित हो सकेगा.

गौरतलब है कि, दिल्ली कैबिनेट ने 6 मार्च 2021 को दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन की स्थापना को मंजूरी दी. इसके बाद बोर्ड के लिए सोसायटी 19 मार्च 2021 को पंजीकृत की गई. दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन का गठन विद्यालयी शिक्षा में गुणवत्ता और मानक प्रबंधन के उद्देश्य के साथ-साथ दिल्ली के स्कूलों में समग्र शिक्षण मूल्यांकन को डिजाइन और संचालित करना, विद्यार्थियों के कौशल और ज्ञान को बढ़ाना है.