दिल्ली में आयोजित होगी इंटरनेशनल एजुकेशन कॉन्फ्रेंस, शामिल होंगे 7 देशों के 21 शिक्षाविद
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को बताया कि दिल्ली में पहली इंटरनेशनल एजुकेशन ' दिल्ली एजुकेशन कॉन्फ्रेंस' का आयोजन किया जायेगा.
दिल्ली :
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को बताया कि दिल्ली में पहली इंटरनेशनल एजुकेशन ' दिल्ली एजुकेशन कॉन्फ्रेंस' का आयोजन किया जायेगा. प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और दुनिया में कोरोना के चलते शिक्षा प्रभावित हुई है. स्कूलों में पढ़ाने का तरीका, पढ़ाई कराने का तरीका, क्लास लेने का तरीका, लाइब्रेरी प्रैक्टिकल एग्जाम,एग्जाम जैसी सारी चीजें प्रभावित हुई है.
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि अब जब वैक्सीन आ रही है, फिर भी हम सब जानते हैं कि अब पहले जैसा सब कुछ नहीं रहेगा। खास तौर से शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ बदलने की सम्भावना है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद शिक्षा वैसी नहीं रह जाएगी जैसी पहले थी. उन्होंने बताया कि कुछ टेक्नोलॉजी के वजह से भी और कुछ चीजें वैसे भी बदल जाएगा. मनीष सिसोदिया का कहना था कि कोरोना काल के बाद शिक्षा का स्वरुप कैसा होगा, इसका कोई पुख्ता जवाब किसी के पास नहीं है. इसका जवाब ना प्रशासकों के पास है, ना सरकार के पास है और ना टीचर के पास है और ना ही एक्सपर्ट के पास है, क्योंकि दुनिया में पहली बार यह परिस्थितियां पैदा हुई हैं.
दिल्ली एजुकेशन कॉन्फ्रेंस
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि सबको ब्रेनस्टॉर्मिंग करके इसके तरीके निकाले जाय कि कोविड के बाद जब आप स्कूल-कॉलेज खोल रहे होंगे तो पढ़ाई कैसे होगी? उन्होंने आगे बताया कि इस जरूरत को महसूस करते हुए दिल्ली सरकार ने एक पहल की है. दिल्ली में पहली इंटरनेशनल एजुकेशन ' दिल्ली एजुकेशन कॉन्फ्रेंस' का आयोजन किया जायेगा.
7 देशों के 21 पैनलिस्ट होंगे शामिल
दिल्ली में पहली इंटरनेशनल एजुकेशन ' दिल्ली एजुकेशन कॉन्फ्रेंस' का आयोजन 11 से 17 जनवरी तक किया जायेगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आज के समय में शिक्षा की चुनौती को समझना और उसका समाधान निकालना है. इस ' दिल्ली एजुकेशन कॉन्फ्रेंस' 7 देशों के 21 पैनलिस्ट शामिल होंगे। इस में भारत के भी एक्सपर्ट्स शामिल होंगे. इस आयोजन में प्रोफेसर लूसी क्रैहन, प्रसिद्ध लेखक, प्रोफेसर प्रिचेट, हार्वर्ड के कैनेडी स्कूल में प्रोफेसर, के साथ फिनलैंड, सिंगापुर, जापान, कनाडा आदि देशों के शिक्षाविद शामिल होंगे. भारत में एलीमेंट्री एजुकेशन की जनक मानी जाने वाली विमला रामचंद्रन, प्रथम से जुड़ी रुकमणी बनर्जी, इंडियन पॉलिसी रिसर्च की यामिनी, अर्ली चाइल्डहुड एक्सपर्ट विनीता कॉल शामिल होंगे.
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