दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने झुग्गी-झोपड़ियों को लेकर फैल रही भ्रामक जानकारियों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने फर्जी खबरें फैलाने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) की आधिकारिक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
अस्थिरता का माहौल उत्पन्न हो रहा
शिकायत में यह बताया गया कि DUSIB की वेबसाइट पर सूचना और प्रशासनिक उद्देश्यों से अपलोड की गई 675 झुग्गी बस्तियों की सूची को सोशल मीडिया पर झूठे तरीके से “विध्वंस के लिए चुनी गई बस्तियों” के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. इससे गरीब और संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों में डर, भ्रम और अस्थिरता का माहौल उत्पन्न हो रहा है.
झुग्गी बस्ती को तोड़ने की कोई कार्रवाई नहीं
DUSIB ने साफ किया है कि अब तक किसी भी झुग्गी बस्ती को तोड़ने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. केवल वही बस्तियां पुनर्वास नीति के तहत चिह्नित की गई हैं जिन पर न्यायालय द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. इस झूठी जानकारी का कोई आधार नहीं है और यह दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य से फैलाई जा रही है, जिससे कानून-व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है.
अफवाहों पर ध्यान न दें
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे झुग्गी निवासियों के साथ पारदर्शी और खुला संवाद बनाए रखें. उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक चैनलों से ही जानकारी की पुष्टि करें. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि “किसी भी झुग्गी को बिना पक्का मकान दिए नहीं हटाया जाएगा.” उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार समावेशी शासन में विश्वास रखती है. गरीब परिवारों में भय फैलाना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि आपराधिक कृत्य भी है. इस प्रकार की अफवाहों से अशांति फैलाने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.