फास्टैग लॉन्च होने के बाद अब इसके जरिए धोखाधड़ी भी की जा रही है. लोगों को ठगने के लिए जालसाजों ने नया तरीका ढुंढ़ लिया है. ऐसा लग रहा है कि फास्टैग भी ऑनलाइन फ्रॉड का नया जरिया बन गया है. लोगों के खाते से अपने आप पैसे कट रहे हैं. ऐसा ही पहला मामला सामने आया है. बैंक से मैसेज आने पर पीड़ित बिल्कुल सन्न रह गए. फास्टैग का मामला मानेसर टोल ब्रिज का है.
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राजा विश्वास नामक व्यक्ति के पास एचडीएफसी बैंक के रजिस्टर्ड नंबर से मैसेज आया. जिसमें लिखा था कि उनके खाते से पैसे कट गए हैं. मैसेज देखते ही वे सन्न रह गए. उन्हें लगा कि उनकी गाड़ी चोरी हो गई. जब उन्होंने अपनी गाड़ी चेक की तो गाड़ी घर पर ही थी. फिर उन्हें लगा कि शायद उनकी फास्टैग किट चोरी हो गई है. खोजने पर पता चला कि किट भी घर पर ही है. इस दौरान पीड़ित राजा विश्वास का सांसें अटक सी गई थीं. वे मामला देख काफी घबरा गए थे.
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उनकी गाड़ी का नंबर DL3CBA1194 है. बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र में बात की, तो उन्होंने 24 घंटे का वक्त ले लिया. उन्होंने कहा कि वे 24 घंटे बाद ही स्थिति साफ कर पाएंगे. अब सवाल यह उठता है कि बिना गाड़ी और फास्टैग के खाते से पैसे कैसे कट गए. गाड़ी घर पर मौजूद है. उसका फास्टैग भी घर पर है, तो आखिर पैसे कैसे कट गए? इस तरह की धोखाधड़ी से लोगों में डर पैदा हो सकता है. लोग दहशत में आ सकते हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि फास्टैग को केंद्र सरकार ने लॉन्च किया है. सरकारी चीजों में इतनी बड़ी धोखाधड़ी आखिर कैसे हुई? हालांकि पिछले कुछ दिनों से डिजिटल फ्रॉड के मामले बढ़ गए हैं.