साल 1984 के सिख विरोधी दंगों में तीन सिखों की हत्या के आरोपी जगदीश टाइटलर के मामले में दिल्ली की अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई. इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता हरविंदर सिंह फुल्का ने इस मामले में ताजा जानकारी साझा की है. फुल्का के अनुसार, टाइटलर पर आरोप है कि उन्होंने 1984 के दंगों के दौरान एक भीड़ की अगुवाई की. इसमें तीन सिखों को मारकर जला दिया गया.
उन्होंने कहा कि इस केस की सुनवाई के दौरान एक अहम स्टिंग ऑपरेशन की सीडी को कोर्ट में रखी गई. इससे टाइटलर की मुसीबत बढ़ गई. यह सीडी दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान मंजीत सिंह जीके ने सीबीआई को सौंपी. 2012 में रिकॉर्ड की गई इस सीडी में टाइटलर कथित तौर पर दावा करते हैं उन्होंने 100 सिखों को मारा.
अदालत में इस सीडी को चलाया गया
फुल्का बताते हैं कि सीडी में टाइटलर यह कहते हुए सुने जा सकते है कि वे दिल्ली के सीएम बनने वाले हैं. वह हाईकोर्ट के जज की नियुक्ति करते हैं. उनकी इतनी ताकत है कि कोई उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है. अदालत में इस सीडी को चलाया गया और इसे सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) में जांच के लिए भेज दिया गया. सीएफएसएल के गवाह ने अदालत में पुष्टि की कि सीडी वास्तविक है. यह टाइटलर की आवाज सैंपल से मेल खाते हैं.
सीडी और गवाही से मामले को ताकत मिलेगी
फुल्का ने कहा कि सुनवाई के वक्त मंजीत सिंह जीके की गवाही हुई. इसमें उन्होंने सीडी के बारे में बताया. टाइटलर के वकील इस सीडी पर बहस कर रहे हैं. फुल्का के अनुसार, इस सीडी और गवाही से मामले को ताकत मिलेगी. टाइटलर का क्रॉस एग्जामिनेशन 29 अप्रैल को होना है. अब तक इस मामले में आठ गवाहों की गवाही हो चुकी है. वहीं बाकी के गवाहों के बयान अभी लेने बाकी है. फुल्का को इस बात की उम्मीद है कि इस साल के अंत तक इस मामले में फैसला आ जाएगा. टाइटलर को सजा मिलेगी.