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दिल्ली में इमरजेंसी सिचुएशन बन रही, ऐसे में चौतरफा प्रयास जरूरी: गोपाल राय

GRAP  (Graded Response Action Plan) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है. कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन पर पाबंदी है. पराली जलाने के लिए बायो डीकम्पोजर का छिड़काव हो रहा है

Updated on: 31 Oct 2022, 06:07 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने राजधानी में प्रदूषण पर काबू पाने को लेकर कई विकल्पों पर बात की. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, दिल्ली में हवा की रफ्तार भी कम हो रही है, प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हो रही है. GRAP (Graded Response Action Plan) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है. कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन पर पाबंदी है. पराली जलाने के लिए बायो डीकम्पोजर का छिड़काव हो रहा है. लेकिन व्हीकल पॉल्यूशन रोकने के लिए जो अभियान चलाना था उसपर एलजी ने रोक लगा दी थी. कहा गया कि किसी और देश या शहर में ऐसा प्रयोग नहीं हुआ है. आज दिल्ली सरकार की ओर से दोबारा उन्हें फ़ाइल भेजा गया है, उनके सवालों का जवाब देते हुए. हमने कहा है कि दिल्ली में इमरजेंसी सिचुएशन बन रही है, ऐसे में चौतरफ़ा प्रयास ज़रूरी है. ऐसे में रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ़ अभियान को मंजूरी मिलनी चाहिए. 2020 में जब पहली बार इस योजना की रूपरेखा बनी उसका आधार भारत में ही हुए इससे जुड़े रिसर्च थे.

वैज्ञानिकों की ही एक स्टडी कहती है कि अलग-अलग चौराहों पर जो रेड लाइट पर गाड़ियां खड़ी होती हैं, उस वजह से नौ फीसदी से ज्यादा प्रदूषण पैदा होता है. दिल्ली की एक और स्टडी बताती है कि बिना इस कैंपेन के सर्वे में बीस फीसदी लोग एक  रेड लाइट पर अपनी गाड़ी बंद करते थे, लेकिन कैंपेन के बाद 62 फीसदी लोगों ने  रेड लाइट पर गाड़ी बंद करना शुरू किया. 

रेड लाइट पर गाड़ियां बंद

लंदन, USA के उत्तरी कैरोलिना में भी ऐसा कैंपेन चलाया जा चुका है. USA के ही सॉल्ट लेक सिटी में ऐसे कैंपेन के बाद लोगों ने रेड लाइट पर गाड़ियां बंद करना शुरू कर दिया. हमें ही दिनभर में दस-बारह चौराहों से गुजरना होता है, 25-30 मिनट का प्रदूषण बिना मतलब के पैदा करते हैं. इस कैंपेन का उद्देश्य यही है कि लोगों पर इसका असर हो. हमने सभी तथ्यों के साथ एलजी को फिर से दोबारा फाइल भेजी है और उम्मीद है कि फैक्ट्स के आधार पर और दिल्ली के इमरजेंसी सिचुएशन को ध्यान में रखते हुए वे इसे अनुमति देंगे.

केंद्र के पीछे हटने के बाद इसमें हम आगे नहीं बढ़ सके

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय  ने कहा, अगर केंद्र ने फाइनेंशियल हेल्प का हमारा प्रस्ताव माना होता तो ऐसी सिचुएशन नहीं होती. केंद्र के पीछे हटने के बाद इसमें हम आगे नहीं बढ़ सके. पंजाब में साठ लाख एकड़ में धान की खेती होती है. वहां लगातार कदम उठाए जा रहे हैं, हैपी सीडर किसानों को दिया जा रहा है. अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, चार अधिकारी सस्पेंड हुए हैं. लेकिन जिस बड़े स्तर पर काम होना चाहिए था वो नहीं हो पाया  क्योंकि केंद्र का सहयोग नहीं मिला. कल हमने समीक्षा बैठक की थी, दिल्ली में सबसे ज़्यादा AQI आनंद विहार और विवेक और विहार में है. दिल्ली में जितने कदम हम उठाते हैं, उतने अगर एनसीआर के स्टेट्स उठाएं तो दिल्ली में प्रदूषण पर बड़ा असर होगा. हमने केंद्र और राज्यों से कहा था कि एक रीजनल एक्शन टीम बनाई जाए. दिल्ली की समस्या एयर शेड की समस्या है.

 घटना के पीछे एक बड़ी चूक नजर आती है

गोपाल राय ने कहा,  गुजरात की जो घटना हुई है वो काफी दर्दनाक है. इस तरह की घटना के पीछे एक बड़ी चूक नजर आती है. मुझे पता चला है कि एक समय पर इतने ज्यादा लोग कैसे थे वहां पर, धड़ल्ले से टिकटें बेची जा रही थी. अभी-अभी रिनोवेट हुआ और 4 दिन पहले ही खुला था और फिर ये हादसा हो गया. इसकी जांच होनी चाहिए.और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.