दिल्ली: मनजिंदर सिंह सिरसा ने वापस लिया अपना इस्तीफा, बताई यह वजह
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ( DSGMC president Manjinder Singh Sirsa ) ने शुक्रवार को अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. सिरसा ने अपने इस्तीफे की वापसी के पीछे तकनीकी और कानूनी मुद्दों का हवाला दिया है.
नई दिल्ली:
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ( DSGMC president Manjinder Singh Sirsa ) ने शुक्रवार को अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. सिरसा ने अपने इस्तीफे की वापसी के पीछे तकनीकी और कानूनी मुद्दों का हवाला दिया है. आपको बता दें कि सिरसा ने पिछले दिनों दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उस समय उन्होंने डीएसजीएमसी ( Delhi Sikh Gurdwara Management Committee ) आंतरिक चुनाव नहीं लड़ने घोषणा भी की थी. इस्तीफा देने के बाद मनजिंदर सिंह सिरसा ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और धर्मेंद्र प्रधान ने सिरसा को बीजेपी जॉइन कराई थी.
This is to clarify that despite rendering my resignation, I have been managing the work at DSGMC as working President
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) December 31, 2021
My resignation hasn’t been accepted due to technical & legal issues however I will not be involved in DSGMC activities once the new Committee is set up @ANI pic.twitter.com/345fXUMlvS
मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट करते हुआ कहा कि यह स्पष्ट करना है कि अपना इस्तीफा देने के बावजूद, मैं कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में डीएसजीएमसी में काम का प्रबंधन कर रहा हूं. लेकिन तकनीकी और कानूनी मुद्दों के कारण मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है, हालांकि नई समिति के गठन के बाद मैं डीएसजीएमसी गतिविधियों में शामिल नहीं होऊंगा.
Delhi Sikh Gurdwara Management Committee president Manjinder Singh Sirsa withdraws resignation, citing "technical and legal issues" pic.twitter.com/XKsTgZqluN
— ANI (@ANI) December 31, 2021
आपको बता दें कि सिरसा ने स्पष्ट किया था कि वह समुदाय की सेवा करने के एकमात्र एजेंडे के साथ भाजपा में शामिल हुए हैं और इस पार्टी ने उन्हें एक ऐसा मंच प्रदान किया है जो लंबे समय से लंबित सिख मुद्दों को हल करने में मदद करेगा. सिरसा ने एक बयान में कहा था कि वह अकाली नेतृत्व के आरोपों से हैरान हैं. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को उन्हें मजबूर करना होता, तो पार्टी उन्हें दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष के रूप में शामिल होने के लिए कहती, न कि एक व्यक्ति के रूप में.
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