logo-image

रिंग रोड पर डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन और थाने में गाया राष्ट्रगान

दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Updated on: 27 Dec 2021, 09:53 PM

नई दिल्ली:

Doctors Strike:राजधानी दिल्ली के डॉक्टर सड़क पर हैं. अपनी मांगों को लेकर वे पिछले 10 दिनों से हड़ताल पर है. इस दौरान डॉक्टर इमरजेंसी और ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार करने की घोषणा कर चुके हैं. नीट पीजी काउंसलिंग 2021 में हो रही देरी के कारण डॉक्टरों की हड़ताल जारी है.लेकिन सोमवार को डॉक्टरों की हड़ताल से राजधानी हलकान रही. सफदरजंग में डॉक्टरों ने अल्पताल की एंट्री बंद करके गेट पर आ गये. डॉक्टरों ने सड़क पर मार्च किया. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को पुलिस ने डिटेन कर सरोजिनी नगर थाने ले गयी. रेजिडेंट डॉक्टरों ने थाने पहुंचकर राष्ट्रगान गाया और फिर थाने के सामने धरने पर बैठ गए. सैकड़ों डॉक्टरों ने रिग रोड पर प्रदर्शन किया.  

दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल डॉक्टर इमरजेंसी और ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार करने की घोषणा कर चुके हैं.पानीपत से आई 40 साल की महिला जो गिरने से हड्डी टूट गई इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल आई, लेकिन डॉक्टर्स ने इलाज को मना कर दिया.

केंद्रीय स्वास्थ मंत्री डॉ मनसुख मांडविया से डॉक्टरों की कई राउंड की बैठक हो चुकी है लेकिन कोई समाधान अब तक नही निकल पाया है. डॉक्टरों का प्रदर्शन अब सिर्फ अस्पतालों के परिसर तक सीमित नहीं बचा है बल्कि निर्माण भवन और सेंट्रल दिल्ली के दूसरे इलाकों में भी डॉक्टर हाथों में पोस्टर लेकर जल्द से जल्द पीजी काउंसलिंग कराने की मांग कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: 5 राज्यों में चुनाव : स्वास्थ्य सचिव ने ECI को सौंपी कोरोना स्थिति की रिपोर्ट

हाल ही में डॉक्टरों ने उन्हें कोरोनावायरस की पहली और दूसरी लहर के दौरान सम्मान के तौर पर दिए गए फूल, ताली थाली को वापस सरकार को समर्पित करते हुए 'फूल वापसी', 'दिया वापसी ' आंदोलन भी किया. लेकिन अब तक तमाम कोशिश बेअसर साबित हुई हैं. ऐसे में जब कोरोनावायरस के आंकड़े छह महीने बाद रिकॉर्ड दर से बढ़ रहे हैं, ओमिक्रोन का संकट भी कायम है, डॉक्टरों की हड़ताल स्वास्थ व्यवस्था को चिंता में डाल सकती है. दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सुबह से ही परेशान मरीज देखे जा सकते हैं जो इलाज कराने के लिए आए हैं लेकिन उन्हें अटेंड करने वाला कोई नहीं है.