दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने किराया बढ़ाने के फैसले पर सफाई देते हुए शनिवार को कहा कि विश्व स्तर की यात्रा सुविधा देते रहने और लागत को पूरा करने के लिए उसके लिए ऐसा करना जरूरी है।
डीएमआरसी के मुताबिक साल 2009 से मेट्रो के किराये में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है जबकि उर्जा की खपत पूरी करने में मेट्रो की लागत 105 फीसदी से ज्यादा तक बढ़ी है। वहीं, कर्मचारियों पर लागत में भी 139 फीसदी और मरम्मत तथा रखरखाव पर भी खर्च 213 फीसदी तक बढ़ा है।
डीएमआरसी के मुताबिक उसने जापान इंटरनेशनल कॉपोरेशन एजेंसी (जेआईसीए) से बड़ा कर्ज लिया था और 26,760 करोड़ रुपये अभी देना बाकी है।
साथ ही डीएमआरसी ने बताया कि उसे ट्रेन से जुड़ी कई चीजों को अब धीरे-धीरे बदलने की भी जरूरत होगी जो पुराने हो चुके हैं।
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दिल्ली मेट्रो के मुताबिक उसे 378 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। डीएमआरसी ने यह भी कहा कि इन सबके बावजूद वह लागातार नई ट्रेन, एएफसी गेट, लिफ्ट, नए एस्केलेटर और दूसरी यात्रा सुविधाओं पर काम कर रहा है।
गौरतलब है कि डीएमआरसी ने एक अक्टूबर से किराया बढ़ाने की घोषणा की है। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसका विरोध करते हुए केंद्र को चिट्टी लिखकर ऐसा नहीं करने का अनुरोध किया है। केजरीवाल ने किराया बढ़ाए जाने के फैसले को जनविरोधी बताया था।
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HIGHLIGHTS
- एक अक्टूबर से दिल्ली मेट्रो का बढ़ रहा है किराया
- दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जता चुके हैं विरोध
- 2009 के बाद इस साल मई में भी बढ़ा था दिल्ली मेट्रो का किराया
Source : News Nation Bureau