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सदन में शुरू हुई राकेश अस्थाना की पुलिस आयुक्त की नियुक्ति पर चर्चा

सदन में शुरू हुई राकेश अस्थाना की पुलिस आयुक्त की नियुक्ति पर चर्चा

Updated on: 29 Jul 2021, 02:54 PM

highlights

  • दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र में जमकर हंगामा
  • आप विधायकों ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति के मामले को उठाया
  • आप ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति को असंवैधानिक बताया

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा में हंगामों के बीच अब राकेश अस्थाना की पुलिस आयुक्त की नियुक्ति पर चर्चा होनी शुरू हो गई है. चल रहे हंगामे के बीच जब राकेश अस्थाना के नियुक्ति की बात आई, तो आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उनकी नियुक्ति को ही गलत और असंवैधानिक बता डाला. इस पर बोलते हुए संजीव झा ने इस नियुक्ति को न केवल असंवैधानिक बताया, बल्कि उच्चतम न्यायालय की अवमानना भी कहा. इस मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के बीच काफी बातें हुईं. लोगों ने अपने-अपने अनुसार इस नियुक्ति पर अपने विचार रखे और जमकर हंगामा किया.

राकेश अस्थाना की नियुक्ति में नहीं किया गया एक भी मानक का पालन- संजीव झा

संजीव झा ने कहा कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में कहा गया था कि अगर डीजीपी के लेवल पर किसी की नियुक्ति होनी है, तो उनके रिटायरमेंट में कम से कम 6 महीने का समय होना चाहिए. इस प्रक्रिया में यूपीएससी से सलाह लेने और साथ ही इस पूरी प्रक्रिया के पालन का आदेश दिया गया था. लेकिन ऐसी किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि राकेश अस्थाना पीएम मोदी के ब्लू आई ब्वाय रहे हैं, जब-जब पीएम मोदी को उनकी जरूरत पड़ी, वे उपलब्ध रहे. 2011 में उन पर लेन-देन का आरोप लगा, 2017 में सीबीआई में उनके रहते हुए बड़ा विवाद हुआ था, सीबीआई हेड के रूप में उनकी नियुक्ति के मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था. राकेश अस्थाना को स्पेशल मिशन पर भेजा गया है, जब-जब प्रधानमंत्री को लगा कि उन पर कोई गाज गिर सकती है, तो राकेश अस्थाना की नियुक्ति हो जाती है. केंद्र को दिल्ली में हो रहे अपराध की चिंता नहीं है. अगर अपराध रोकने की मंशा होती, तो AUGMUT कैडर से अधिकारी की नियुक्ति होती. सदन से सवाल करते हुए संजीव झा ने कहा कि क्या इस कैडर में कोई अनुभवी अधिकारी नहीं है? बालाजी श्रीवास्तव को जिम्मेदारी देने के बाद क्यों हटा दिया गया?

संजीव झा ने आगे बोलते कहा कि इनकी मंशा दिल्ली को अस्थिर करने की है. आज न सिर्फ दिल्ली की एक चुनी हुई सरकार के अधिकार छीने जा रहे हैं, बल्कि एक अधिकारी को भेजकर डराने की कोशिश भी की जा रही है. यहां बैठे ज्यादातर सदस्य पुलिस की प्रताड़ना का शिकार हुए हैं. हमारी चिंता दिल्ली के क्राइम को लेकर है, बाहर से आया हुआ व्यक्ति दिल्ली पुलिस की कार्य-प्रणाली को नहीं समझ पाएगा. इसी के साथ दिल्ली विधानसभा के पटल पर संजीव झा ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति खारिज कराने का प्रस्ताव रखा.

गुलाब सिंह ने नियुक्ति मामले में ये कहा

आज जिस तरह विभिन्न राज्यों में आम आदमी पार्टी का संगठन विस्तार हो रहा है. उसे देखते हुए आम आदमी पार्टी विधायकों को प्रताड़ित करने के लिए राकेश अस्थाना को भेजा गया है. राकेश अस्थाना ने भाजपा के लिए चंदा तक इकट्ठा किया है. पूरे गुजरात में नरेंद्र मोदी अमित शाह ने जितने कांड किए हैं, उसे दबाने-छुपाने के काम में राकेश अस्थाना लगाए जाते रहे हैं.

अखिलेश त्रिपाठी ने भी रखी अपनी बात

अखिलेश त्रिपाठी ने कहा कि दिल्ली ही नहीं पूरे देश के लोग इस नियुक्ति से अचंभित हैं. आखिर सरकार की क्या ऐसी मजबूरी थी इनको नियुक्त करने की. जिसका पूरा चरित्र राजनीतिक विद्वेषों से भरा हुआ है, जिसने पार्टी विशेष के लिए काम किया है. जिसने दिल्ली को दिल्ली की पोलिसिंग को कभी नहीं जाना. 

सोमनाथ भारती ने कही बातें

भारती ने सवाल पूछते हुए कहा कि जो कुछ भी सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया वो कानून बन गया. CBI डायरेक्टर की नियुक्ति के समय जस्टिस खरबंदा ने कहा था कि अस्थाना जी के पास 6 महीने का वक्त नहीं है, इसलिये वे CBI डायरेक्टर नहीं बन सकते. जब तक UPSC क्लीयरेंस नहीं देती तब तक नियुक्ति नहीं होती. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अगर आपने मुखिया बदल दिया, तो उसका जो चरित्र है वही नीचे तक आएगा. उन्होंने इतना तक कहा कि अमित शाह खुद तड़ीपार थे तो वो कैसे व्यक्ति की सिफारिश करेंगे, इसका अंदाजा हम लगा सकते हैं. 20 करोड़ रुपया राकेश अस्थाना ने बीजेपी को डोनेट किया है, तो वो किसके लिए काम करेगा? सूरत में आम आदमी पार्टी ने घुसकर जो प्रदर्शन कर दिया है, ये उसका बदला लेने की कोशिश है. मोदीजी घबरा गए हैं. इन लोगों ने बाबा साहेब अंबेडकर, कोर्ट और संविधान का अपमान किया है. ये आम आदमी पार्टी के ग्रोथ रेट से बहुत दुखी हैं. राकेश अस्थाना के अपॉइंटमेंट से लोकतंत्र को बचाने का आम आदमी पार्टी का कमिटमेंट और बढ़ गया है.