डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एचआरडी मंत्री से कहा, लंबित बोर्ड परीक्षा कराना अभी व्यावहारिक नहीं
सिसोदिया ने कहा, सामाजिक दूरी की जरूरत की वजह से 10वीं और 12वीं के बाकी विषयों की बोर्ड परीक्षाएं मई या जून में भी कराना व्यावहारिक नहीं है. परीक्षा में देरी से अकादमिक सत्र भी प्रभावित होगा.
नई दिल्ली:
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ से कहा कि कोविड -19 (COVID-19) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉक डाउन (Lock Down) की वजह से 10वीं और 12वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षा को आयोजित कराना अभी व्यावहारिक नहीं है. उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की अध्यक्षता में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की हुई बैठक में यह अनुशंसा की.
सिसोदिया ने कहा, सामाजिक दूरी की जरूरत की वजह से 10वीं और 12वीं के बाकी विषयों की बोर्ड परीक्षाएं मई या जून में भी कराना व्यावहारिक नहीं है. परीक्षा में देरी से अकादमिक सत्र भी प्रभावित होगा. अन्य राज्यों का अपना शिक्षा बोर्ड है लेकिन दिल्ली के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) है. सीबीएसई के अधिकतर छात्र दिल्ली से आते हैं. उन्होंने कहा, मैं मानव संसाधन विकास मंत्री से अपील करता हूं कि वह सीबीएसई को, नौवीं और 11वीं कक्षा के छात्रों के प्रोन्नत करने फार्मूले को अपनाने के लिए कहें. इस अनिश्चित समय में मैं नहीं जानता कि हम दोबारा परीक्षा करा पाएंगे भी या नहीं. इसलिए आतंरिक मूल्यांकन और अब तक हो चुकी परीक्षा के आधार पर 10वीं और 12वीं की कक्षा के छात्रों का भी मूल्यांकन किया जाना चाहिए.
यह भी पढ़ें-COVID-19 वायरस के निर्माण को लेकर वुहान ने दिया जवाब, कहा- हमारी क्षमता नहीं है
अगले शैक्षणिक सत्र को 30 फीसदी संक्षिप्त किया जाए
सिसोदिया ने कहा, इससे हमारे छात्रों का समय बर्बाद होने से भी बचेगा, अकादमिक सत्र में देर भी नहीं होगी और अंतत: छात्रों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी. सिसोदिया दिल्ली के शिक्षा मंत्री भी हैं. उन्होंने सुझाव दिया, अगले शैक्षणिक सत्र के लिये पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक संक्षिप्त किया जाना चाहिए और संयुक्त इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (जेईई) और नीट जैसी परीक्षाएं छोटे किए गए पाठ्यक्रम के आधार पर आयोजित की जानी चाहिए.
यह भी पढ़ें-देश में कोरोना वायरस के मामले 30000 के पार, प्लाज्मा थेरेपी को उपचार मानने के लिए सबूत नहीं हैं: सरकार
कोविड-19 की वजह से16 मार्च से बंद हैं स्कूल
उप मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर समय आवंटित करने की मांग की ताकि यहां के स्कूलों के शिक्षक इसके माध्यम से छात्रों को पढ़ा सकें. उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 16 मार्च से विश्वविद्यालयों और स्कूलों को बंद कर दिया गया था. इससे पहले सीबीएसई ने कहा था कि वह लंबित 29 विषयों की परीक्षा कराएगी जो कि अगली कक्षा में पदोन्नति और स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण हैं.
3 मई के बाद लॉकडाउन पर फैसला
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि लॉकडाउन पर तस्वीर 3 मई के बाद ही तय होगी। हर परिस्थिति का आकलन दो-तीन बार किया जाएगा। इसके बाद ही लॉकडाउन पर कोई फैसला लिया जाएगा। मनीष सिसोदिया ने कहा कि अभी सिर्फ आपात सेवाओं और लोकल दुकानों को खोलने की अनुमति है। कोई भी मुख्यमंत्री ऐसी हालत में नहीं है कि वह लॉकडाउन पर कोई फैसला ले सके।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
-
SRH vs LSG : हेड-अभिषेक का तूफान, हैदराबाद ने 9.4 ओवर में चेज किया 166 का लक्ष्य, लखनऊ को 10 विकेट से रौंदा
-
SRH vs LSG Dream11 Prediction: हैदराबाद और लखनऊ के मैच में ये हो सकती है बेस्ट ड्रीम11 टीम, इसे चुनें कप्तान
-
DC vs RR : कुलदीप-मुकेश कुमार की घातक गेंदबाजी, दिल्ली ने राजस्थान को 20 रनों से हराया
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: क्यों खास है इस वर्ष अक्षय तृतीया? ये है बड़ा कारण
-
Amavasya Ke Totke: दुश्मनों से हैं परेशान या कोई फैला रहा है नेगेटिव एनर्जी, तो आज रात करें ये उपाय
-
Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार क्या है मनुष्य का असली धर्म, यहां जानिए
-
Rajarajeshwar Temple: राजराजेश्वर मंदिर की क्या है खासियत जहां पीएम मोदी ने टेका माथा