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डिप्टी CM मनीष सिसोदिया बोले- वैक्सीनेशन पर बड़े स्तर पर काम कर रही दिल्ली सरकार

देश की राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन की वजह से कोरोना के केसों में गिरवाट देखने को मिल रही है. इस बीच दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने कहा कि दिल्ली सरकार बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन का काम कर रही है.

Updated on: 17 May 2021, 04:41 PM

नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन की वजह से कोरोना के केसों में गिरवाट देखने को मिल रही है. इस बीच दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने कहा कि दिल्ली सरकार बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन का काम कर रही है. हमारी कोशिश है कि जल्द ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगा सकें. इस भाव के साथ वैक्सीन लगा रहे हैं कि ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को सुरक्षित कर सकें. हमने सवाल उठाया था कि विदेशों में सप्लाई के बाद वैक्सीन की कमी हुई, लेकिन जितनी भी सप्लाई हो रही है उससे हमारी कोशिश है वैक्सीनेशन सुचारू हो.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि भारत सरकार की तरफ से हमारे पास चिट्ठी आई है, जिसमें कहा गया है कि मई में दिल्ली को 45 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए 3.83 लाख डोज वैक्सीन मिलेगी, लेकिन हमें 18 से 44 उम्र वालों के लिए और वैक्सीन नहीं मिलेगी. अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए जो वॉक-इन की सुविधा शुरू हुई है, यानी बड़े स्तर पर इस आयु वर्ग का वैक्सीनेशन जारी है, इसमें केंद्र सरकार से भी हमें सहयोग की अपेक्षा है.

उन्होंने कहा कि अभी दिल्ली के पास में 45+ के लिए अगले 4 दिन की वैक्सीन है, लेकिन केंद्र की तरफ से आगामी दिनों में पौने चार लाख वैक्सीन और मिल जाएगी. इसी 18 से 44 उम्र के लिए हमारे पास आज के बाद केवल 3 दिन की वैक्सीन बचेगी तो इस आयु वर्ग के लिए भी हमें और वैक्सीन उपलब्ध कराएं

मनीष सिसोदिया ने सोमवार को केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है, जिसमें जिसमें तीन रिक्वेस्ट की है. 

  1. 18+ के लिए और वैक्सीन उपलब्ध कराएं, जैसे 45 प्लस के लिए करा रहे हैं. सरकार खरीदने को तैयार है. अगर वैक्सीन नहीं मिली तो आज से 3 दिन के बाद हमें 18 से 44 आयु वर्ग वाले वैक्सीनेशन सेंटर बंद करने पड़ेंगे.
  2. जितनी भी वैक्सीन देश में बन रही है, जिसका एलोलोकेशन केंद्र सरकार कर रही है, उसका डाटा सार्वजनिक हो, उसमें पारदर्शिता होनी चाहिए कि केंद्र को कितनी वैक्सीन मिली, उसमें से राज्यों को कितनी दी गई और राज्यों को अलग से कितनी मिली. प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को कितनी सप्लाई मिली यह भी सार्वजनिक हो.
  3. तीसरी मांग की है कि जिस तरह से आपने चिट्ठी लिखकर बताया कि मई में 45+ के लिए इतनी वैक्सीन देंगे, उसी तरह से जून और जुलाई का भी बता दें, ताकि हम अपना पूरा प्रोग्राम और सिस्टम उसी हिसाब से बनाएं.