/newsnation/media/post_attachments/images/2016/12/10/96-Crime-Pix.jpg)
प्रतिकात्मक चित्र
सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद विपक्ष भले ही इसे जनता को परेशान करने वाला फैसला बता रही हो लेकिन अगर राजधानी दिल्ली में अलग-अलग थानों के रिकॉर्ड को देखें तो इस फैसले का सकारात्मक पहलू भी सामने आता है। बीते 8 नवंबर को केंद्र सरकार के 500 और 1000 के नोट अवैध घोषित करने के बाद से राजधानी में जघन्य अपराधों में 33 पर्सेंट की कमी आ गई है।
इस फैसले के बाद फिरौती के लिए अपहरण की एक भी वारदात नहीं हुई है। दिल्ली के थानों के रिकॉर्ड के मुताबिक, नोटबंदी के फैसले के बाद एक महीने में 9 नवंबर से 8 दिसंबर तक हथियारों के बल पर 315 कैश रॉबरी हुई हैं। पिछले साल 561 कैश रॉबरी हुई थी। पुलिस अफसर मान रहे हैं कि लूटपाट की घटनाओं में इस गिरावट की वजह लोगों के पास कैश की कमी रही है। फिरौती के लिए एक भी अपहरण नहीं हुआ, जबकि पिछले साल इस दौरान फिरौती के लिए कई अपहरण हुए थे।
मर्डर की घटनाओं में भी कमी आ गई है। पिछले साल इसी महीनें में 49 मर्डर हुए थे जबकि इस बार 44 हुए हैं। वहीं, पिछले साल इस दौरान 156 रेप केस दर्ज हुए थे और इस बार 151 रेप केस दर्ज हुए हैं।
हालांकि ATM और बैंको के बाहर छिटपुट झड़पों की शिकायत पुलिस को लगातार मिल रही है।
HIGHLIGHTS
- नोटबंदी के बाद दिल्ली में 33 प्रतिशत कम हुए क्राइम रेट
- 9 नवंबर से 8 दिसंबर तक हथियारों के बल पर 315 कैश रॉबरी हुई हैं। पिछले साल 561 कैश रॉबरी हुई थी।
- पिछले साल इस समय अवधी में 49 मर्डर हुए थे और इस बार 44 हुए हैं।
Source : News Nation Bureau