Delhi NCR Air Pollution: दिवाली की रात से दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से सांस लेने दूभर होता जा रहा है. दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों की हवा सांस लेने लायक नहीं बची है. मंगलवार सुबह दिल्ली के कई इलाकों में वायु की गुणवत्ता एक बा फिर से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई. बता दें कि दिवाली से पहले एनसीआर में हुई बारिश के चलते प्रदूषण के स्तर में कमी हुई थी, लेकिन दिवाली के दिन पटाखों और आतिशबाजी के बाद दिल्ली की हवा दमघोंटू हो गई. रविवार रात की आतिशबाजी के बाद सोमवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी के आसमान में चारों ओर धुंधा छा गया.
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450 पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार सुबह वायु गुणवत्ता का स्तर 450 पहुंच गया. इस दौरान आनंद विहार में एक्यूआई 360, आरके पुरम में 422, पंजाबी बाग में 415 और आईटीओ में 432 मापा गया. इसी के साथ मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के साथ साथ कोहरा भी छाने लगेगा.
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नोएडा और गाजियाबाद में भी बढ़ा प्रदूषण
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने शहर में दिवाली की रात पटाखों पर प्रतिबंध के उल्लंघन के लिए 40 मामले दर्ज किए हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में वायु और ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए पारंपरिक पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया था. CPCB के अनुसार गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार सुबह 5 बजे नोएडा सेक्टर-125 में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 (गंभीर) था. जबकि नोएडा सेक्टर-62 में, AQI 377 (बहुत खराब) दर्ज किया गया. वहीं इसके दिन में 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने की संभावना है.
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प्रदूषण में 33 गुना की वृद्धि
बता दें कि दिल्ली में आनंद विहार वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट है. यहां रविवार रात को दिल्ली का सबसे अधिक प्रदूषित इलाका दर्ज किया गया. बताया जा रहा है कि इस बार गाड़ियों और फैक्ट्रियों से निकलने हुए धुंए के चलते प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ा है बल्कि इसके पीछे पटाखों को जिम्मेदार माना जा रहा है. इस इलाके में दिवाली पर हुई आतिशबाजी की वजह से प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लोगों ने यहां जमकर पटाखे जलाए. आनंद विहार में रात तक पीएम 2.5 का स्तर 1,985 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (µg/m3) पहुंच गया. जो राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के हिसाब से ये 33 फीसदी ज्यादा है. राष्ट्रीय सुरक्षा मानक 60 µg/m3 की बात करता है, जबकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा बताए गए 15 µg/m3 की तुलना में ये 132 फीसदी अधिक है.
HIGHLIGHTS
- दमघोंटू हुई दिल्ली की हवा
- कई इलाकों में 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचा प्रदूषण
- नोएडा और गाजियाबाद की भी बिगड़ी हवा
Source : News Nation Bureau