दिल्ली सरकार राजधानी में पहली बार ‘राज्य अतिथि गृह’ (Delhi State Guest House) विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। अब तक दिल्ली के पास अपना कोई राज्य अतिथि गृह नहीं था, जबकि देश के अधिकांश राज्यों के पास अपने-अपने गेस्ट हाउस हैं जहां विशेष अतिथियों, अधिकारियों और प्रतिनिधियों के रुकने की समुचित व्यवस्था होती है।
तीन इलाकों की हुई पहचान
इस परियोजना के तहत दिल्ली सरकार ने तीन प्रमुख स्थानों की पहचान की है—लक्ष्मी नगर, लाजपत नगर और कुतुब इंस्टिट्यूशनल एरिया। इनमें सबसे अहम कुतुब क्षेत्र है, जहां पहले हरियाणा सरकार को दी गई 30 से 40 एकड़ जमीन की लीज अवधि अब समाप्त हो चुकी है। दिल्ली सरकार अब इस भूमि को पुनः अधिग्रहण कर राज्य अतिथि गृह निर्माण की योजना पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री को सौंपा गया प्रस्ताव
राज्य अतिथि गृह के निर्माण को लेकर लोक निर्माण विभाग (PWD) के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्ताव मुख्यमंत्री को सौंपा है। मुख्यमंत्री द्वारा अंतिम निर्णय लिए जाने के बाद इस परियोजना पर औपचारिक कार्य शुरू होगा।
पहले भी बनी थी योजना, पर नहीं हुआ अमल
यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली में राज्य अतिथि गृह की योजना बनी हो। इससे पहले भी द्वारका सेक्टर 19 में एक गेस्ट हाउस बनाने की योजना तैयार की गई थी, लेकिन वह परियोजना केवल फाइलों तक सीमित रह गई और ज़मीनी स्तर पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो सका।
स्टेट गेस्ट हाउस की दिल्ली को क्यों है जरुरत?
राजधानी होने के नाते दिल्ली में रोज़ाना देश-विदेश से अधिकारी, मंत्री, प्रतिनिधि और विशिष्ट अतिथि आते हैं। अभी तक दिल्ली सरकार के पास ऐसा कोई अधिकारिक गेस्ट हाउस नहीं है जहां वह अपने राज्य स्तर के मेहमानों को ठहरा सके। इस कारण दिल्ली सरकार को अन्य राज्यों या केंद्र सरकार के गेस्ट हाउस पर निर्भर रहना पड़ता है।