/newsnation/media/media_files/2025/08/28/whatsapp-governance-in-delhi-2025-08-28-22-02-41.jpg)
CM Rekha Gupta Photograph: (Social)
Delhi News: दिल्ली सरकार ने राजधानी के नागरिकों को आसान और पारदर्शी सेवाएं देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि सरकार 'व्हाट्सऐप गवर्नेंस' की शुरुआत करने जा रही है. इस नई व्यवस्था के तहत विवाह प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र और ड्राइविंग लाइसेंस जैसी जरूरी सेवाएं सीधे मोबाइल पर उपलब्ध होंगी.
पहले चरण में 25–30 सेवाएं होंगी शामिल
सूत्रों के मुताबिक, योजना की शुरुआत में लगभग 25 से 30 सरकारी सेवाओं को इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा. आने वाले समय में अन्य विभागों की सुविधाएं भी इसमें जोड़ी जाएंगी. सरकार का मानना है कि इस कदम से आम लोगों को समय की बचत होगी और उन्हें बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
आवेदन से लेकर सर्टिफिकेट सबकुछ व्हाट्सऐप पर
सेवा का लाभ लेने के लिए नागरिकों को केवल एक विशेष व्हाट्सऐप नंबर पर 'Hi' भेजना होगा. इसके बाद आवेदन से लेकर दस्तावेजों का सत्यापन और प्रमाणपत्र डाउनलोड करने तक की पूरी प्रक्रिया चैटबॉट के माध्यम से पूरी होगी. सभी प्रमाणपत्र QR कोड के जरिए सुरक्षित रूप से डाउनलोड किए जा सकेंगे.
हिंदी और अंग्रेजी दोनों में मिलेगी सुविधा
दिल्ली सरकार की इस पहल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित चैटबॉट का उपयोग किया गया है. यह चैटबॉट नागरिकों की मदद हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में करेगा. सिर्फ इतना ही नहीं, इसके माध्यम से लोग विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी भी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे.
स्मार्टफोन न होने पर भी मिलेंगी सेवाएं
सरकार ने उन नागरिकों का भी ध्यान रखा है, जिनके पास स्मार्टफोन या इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे लोगों के लिए हर जिले में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) स्थापित किए जाएंगे. इन केंद्रों पर जाकर लोग वही सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे जो व्हाट्सऐप पर उपलब्ध होंगी.
ई-गवर्नेंस की दिशा में बडा कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि 'व्हाट्सऐप गवर्नेंस' पहल दिल्ली सरकार के ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया मिशन को नई दिशा देगी. इससे न केवल सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि नागरिकों का समय और संसाधन भी बचेगा. सरकार को उम्मीद है कि इस डिजिटल पहल से दिल्लीवासी और अधिक सुविधा महसूस करेंगे और धीरे-धीरे अन्य राज्य भी इस मॉडल को अपनाएंगे.
यह भी पढ़ें: दिल्ली सरकार का बड़ा कदम-20 वर्षों के मध्यस्थता निर्णयों की होगी समीक्षा, उच्चस्तरीय समिति गठित