Delhi Violence: 436 पर FIR दर्ज,1427 लोगों को गिरफ्तार किया गया या हिरासत में लिया गया

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा (Delhi Violence) के मामले में 436 प्राथमिकियां दर्ज की हैं और 1427 लोगों को गिरफ्तार किया है या हिरासत में लिया है.

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा (Delhi Violence) के मामले में 436 प्राथमिकियां दर्ज की हैं और 1427 लोगों को गिरफ्तार किया है या हिरासत में लिया है.

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Deepak Pandey
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Delhi Violence

दिल्ली हिंसा( Photo Credit : फाइल फोटो)

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा (Delhi Violence) के मामले में 436 प्राथमिकियां दर्ज की हैं और 1427 लोगों को गिरफ्तार किया है या हिरासत में लिया है. पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि 45 मामले शस्त्र कानून के तहत दर्ज किए गए. उन्होंने बताया कि पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) को पिछले छह दिनों में दंगे से संबंधित कोई फोन नहीं आया. अधिकारी ने बताया कि दंगा प्रभावित इलाकों में हालात अब नियंत्रण में हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान निहत्थे पुलिसकर्मियों पर बंदूक तानने वाले मोहम्मद शाहरुख को उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किया गया.

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आरएएफ ने आगजनी की 300 से अधिक घटनाओं का मुकाबला किया

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा पर काबू पाने के लिए तैनात किए गए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की विशेष शाखा द्रुत कार्य बल (आरएएफ) ने आगजनी की 300 से अधिक घटनाओं का मुकाबला किया और कुछ हिंसक प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के अपने प्रमुख दायित्व का निर्वहन किया. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नीली वर्दीधारी आरएएफ कर्मियों ने जलते हुए घरों में फंसे कई लोगों को बचाकर बाहर निकाला और कई इमारतों में लगी आग बुझाई.

25 फरवरी को इन स्थानों पर तैनात की गई थीं 8 कंपनियां

आरएएफ के सूत्रों ने बताया कि 25 फरवरी को दयाल बाग, गोविंदपुरी, करावल नगर, खजूरी खास और भजनपुरा जैसे हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बल की तकरीबन आठ कंपनियां तैनात की गई थीं, जिनमें लगभग सात सौ कर्मी थे. आरएएफ के एक कमांडर ने कहा कि आरएएफ की टुकड़ियों ने क्षेत्र में आगजनी की 300-350 घटनाओं का मुकाबला किया. जवानों और कमांडरों ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला और जलते घरों में घुसकर लोगों को बचाया.

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बचाव के उपकरण न होने के बावजूद आरएएफ कर्मियों ने कई जलती हुई इमारतों से लोगों को बचाया, क्योंकि वहां उनकी सहायता करने वाला कोई नहीं था. उन्होंने कहा कि आगजनी से निपटना आरएएफ का प्रमुख दायित्व नहीं है इसके बावजूद संकट ग्रस्त लोगों को मुसीबत से निकालना बल का कर्तव्य है. एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार आरएएफ कमांडेंट भावेश चौधरी ने 25 फरवरी को अपने दोनों जवानों कांस्टेबल शिरोमणि सिंह और कांस्टेबल सुनील कुमार के साथ बृजपुरी क्षेत्र में एक जलते हुए घर में घुसकर एक परिवार के सदस्यों को बचाकर बाहर निकाला.

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