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ताहिर हुसैन पर दिल्ली पुलिस का शिकंजा, जब्त की लाइसेंसी पिस्टल, होगी फॉरेंसिक जांच

पुलिस ने इस बात को पता कराने के लिए पिस्टल को लैब में भेजा है कि इससे फायरिंग हुई थी या नहीं.

Updated on: 07 Mar 2020, 04:42 PM

नई दिल्ली:

ताहिर हुसैन पर दिल्ली पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. पुलिस ने उसके लाइसेंसी पिस्टल और कारतूस बरामद किए हैं. पिस्टल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. पुलिस ने इस बात को पता कराने के लिए पिस्टल को लैब में भेजा है कि इससे फायरिंग हुई थी या नहीं. इसके अलावा उसका मोबाइल भी बरामद किया है. दिल्ली पुलिस ने उसकी लाइसेंसी पिस्टल और 24 कारतूस जब्त किए हैं. पुलिस ने अपने खुलासे में बताया कि हिंसा के दौरान ताहिर की पिस्टल घर पर थी. बाद में यह पिस्टल किसी जानने वाले के पास रखी थी. 

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मोबाइल फोन भी बरामद 

पुलिस ने कहा कि पिस्टल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है, जिससे पता चल सके कि इस पिस्टल से कोई फायर हुआ था या नहीं. वहीं, ताहिर हुसैन का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया गया है. बता दें कि आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को अभी पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का कहना है कि मुस्तफाबाद में चार लोगों ने ताहिर हुसैन की मदद की थी. सूत्रों के मुताबिक, जब गिरफ्तारी के लिए छापेमारी होने लगी तो ताहिर हुसैन मुस्तफाबाद से निकले और जाकिर नगर में अपने किसी जानकर के यहां रहे.

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7 दिनों की पुलिस रिमांड पर

पुलिस ने पिछले दिनों ताहिर हुसैन को कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया था. इसके बाद कोर्ट ने उसे 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है. ताहिर हुसैन पर आईबी अधिकारी अंकित शर्मा हत्याकांड (IB officer Ankit Sharma murder case) का भी आरोप है. अब दिल्ली पुलिस ताहिर हुसैन से दिल्ली हिंसा से जुड़ी सच्चाई उगलवाएगी. उत्तर-पूर्वी जिले में 24 और 25 फरवरी को भड़की हिंसा (Delhi Violence) की जांच दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की एसआईटी ने तेज कर दी है.

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अंकित शर्मा की हत्या का आरोप

गुरुवार को जांच ने तब गति पकड़ी, जब उसे वांछित निगम पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) और घटनास्थल के कई वीडियो हाथ लग गए. इन मोबाइल वीडियो (Video) और ताहिर की गिरफ्तारी के बाद जांच में जुटी टीमों को पूरी उम्मीद है कि ये वीडियो उसी जगह के हैं, जहां हवलदार रतन लाल को भीड़ ने घेर लिया था. शुक्रवार को मीडिया को ऐसी ही और तमाम जानकारी नाम उजागर न करने की शर्त पर दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम (SIT Team) के कुछ अधिकारियों ने दी है.