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दिल्ली में खुलेंगी सारी दुकानें, हफ्ते भर सील रहेगी सूबे की सीमा

बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण से 57 नई मौतों के बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वासियों को चिंता नहीं करने का भरोसा दिलाते हुए रोजमर्रा के कामों से जुड़ी तमाम छूटों का ऐलान किया है.

Updated on: 01 Jun 2020, 12:40 PM

highlights

  • ई-रिक्शा और ऑटो पर सवारी बैठाने की पाबंदी हटी.
  • नए नियमों के तहत खुल सकेंगी नाई की दुकानें. स्पा रहेंगे बंद.
  • कोरोना संक्रमितों के लिए दिल्ली के अस्पताल पूरी तरह से तैयार.

नई दिल्ली:

बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण से 57 नई मौतों के बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दिल्ली वासियों को चिंता नहीं करने का भरोसा दिलाते हुए रोजमर्रा के कामों से जुड़ी तमाम छूटों का ऐलान किया है. हालांकि उन्होंने दिल्ली (Delhi) की सीमाओं को फिलहाल हफ्ते भर तक सील रखने की बात करते हुए इस मसले पर जनता से सुझाव मांगे हैं. इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि अब दिल्ली में सभी दुकानें खुलेंगी. यहां इस मामले में ऑड-ईवन का नियम लागू नहीं होगा. इस फैसले के तहत दिल्ली में अब सैलून की दुकान भी खुल सकेंगी. हालांकि स्पा फिलहाल बंद रहेंगे. इसके साथ ही सार्वजनिक परिवहन के साधनों के लिए भी नियम-कायदों के साथ छूट की घोषणा की है.

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बॉर्डर खोलने पर मांगे सुझाव
सोमवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सभी बॉर्डर सील करने का फैसला लिया है. अगले एक हफ्ते तक सभी बॉर्डर को सील कर दिया जाएगा. उसके बाद लोगों के जो सुझाव आएंगे, उसके आधार पर आगे का फैसला लिया जाएगा. उन्होंने सुझावों के लिए नंबर 8800007722, 1031 और Delhicm.suggestions@gmail.com ई-मेल आईडी की जानकारी भी साझा की. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ई-रिक्शा, ऑटो में सवारियों को लेकर जारी प्रतिबंध भी अब नहीं रहेंगे. पहले एक ही सवारी बैठाने का आदेश दिया गया था.

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कोरोना से लड़ने को अस्पताल तैयार
कोरोना वायरस से लड़ने की मेडिकल तैयारी की जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ रहे है, यह चिंता का विषय तो है पर घबराने की ज़रूरत नहीं है. पांच सालों में दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा में अभूतपूर्व विकास हुआ है. आज दिल्ली में बढ़े केस के बावजूद भी मुख्यमंत्री विश्वास दिलाता है कि आपके लिए बेड हैं. आज की तारीख में 2300 पेशेंट हैं और इनके लिए 9500 हज़ार बेड हैं. कुछ लोगों का कहना है की दिल्ली के बेड्स दिल्ली के लिए रिज़र्व कर दें ,लेकिन दिल्ली तो सबकी है दिल वालों की है. ऐसे में हफ्ते भर सीमा सील करने के बाद जनता के सुझावों के बाद इस मसले पर फैसला लिया जाएगा.