Delhi Court: वकीलों के घाव पर मरहम लगाने पहुंचे CM केजरीवाल, बोले- दिल्ली सरकार उठाएगी इलाज का खर्च
दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) में शनिवार को पार्किंग विवाद को लेकर वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुए संघर्ष में राजनीति शुरू हो गई है.
नई दिल्ली:
दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) में शनिवार को पार्किंग विवाद को लेकर वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुए संघर्ष में राजनीति शुरू हो गई है. इस मामले में वकीलों के घाव पर मरहम लगाने के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सेंट स्टीफन अस्पताल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने झड़प में घायल हुए वकीलों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना.
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दिल्ली स्थित सेंट स्टीफन अस्पताल से घायल वकीलों का हालचाल जानने के बाद निकले सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि तीस हजारी कोर्ट में कल की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी. जिस तरह से वकीलों पर गोलियां चलाई गई थीं, मैं इसकी निंदा करता हूं. उन्होंने आगे कहा कि मैं फायरिंग में घायल हुए दो वकीलों से मिलकर आ रहा हूं. फिलहाल उनके हालात अभी स्थित है. दिल्ली सरकार की ओर से उनके इलाज का पूरा खर्चा उठाया जाएगा.
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal: Yesterday's incident was unfortunate, the way lawyers were fired at, I condemn it. I met the two persons who were injured in firing, they are stable now, all of their medical expenses will be covered by Delhi government. https://t.co/VbxtYaFcCF pic.twitter.com/SUQg0KuECW
— ANI (@ANI) November 3, 2019
बता दें कि इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्पेशल सीपी संजय सिंह और अतिरिक्त डीसीपी हरिंदर सिंह को जांच पूरी होने तक स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं. साथ ही चार प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई हैं. चारों प्राथमिकी उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी थाना इलाके में दर्ज हुई है. एक एफआईआर जिला जज ने भी दर्ज कराई है. दिल्ली पुलिस प्रवक्ता अनिल मित्तल ने रविवार को बातचीत में इस बात की पुष्टि की.
पहली प्राथमिकी तीस हजारी अदालत के जिला जज की तरफ से कराई गई. जिला जज द्वारा कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि शनिवार को दोपहर बाद पुलिस और वकीलों में झगड़ा हुआ. दोनों ही पक्षों द्वारा माहौल बिगाड़े जाने के चलते अदालत की गरिमा को ठेस पहुंची है. अदालत परिसर में घटना के समय मौजूद सैकड़ों विचाराधिन कैदियों और अन्य तमाम बेकसूरों को बेवजह परेशान होना पड़ा. पूरे घटनाक्रम की जांच की मांग जिला जज द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर की गई है.
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पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, दूसरी प्राथमिकी एक घायल वकील के बयान पर दर्ज की गई है और तीसरी प्राथमिकी तीस हजारी अदालत में कैदियों की सुरक्षा में तैनात और हमले में घायल दिल्ली पुलिस की तीसरी वाहनी के एक कर्मचारी द्वारा दर्ज कराई गई. हालांकि, पुलिस के एडिशनल डीसीपी और दो एसएचओ सहित कई पुलिसकर्मी इस बवाल में जख्मी हुए थे. चौथी व अंतिम प्राथमिकी तीसहजारी अदालत की ही एक महिला वकील द्वारा दर्ज कराई गई है. महिला वकील ने खुद पर हमला किए जाने और अज्ञात लोगों द्वारा छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया है.
मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने चारों प्राथमिकी और झगड़े में घायल हुए लोगों की मेडिकल रिपोर्ट्स भी कब्जे में ले ली है. गोली से घायल वकील के मामले में एसआईटी सीएफएसएल की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. एसआईटी इस बात की भी जांच कर रही है कि सीसीटीवी फुटेज में मोटरसाइकिल को आग के हवाले करने की कोशिश करती देखी जा रही महिला वकील ही कहीं प्राथमिकी दर्ज कराने वाली शिकायतकर्ता वकील तो नहीं है.
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