Delhi Court: आगजनी से जेल में घुटने लगा था कैदियों का दम तो पुलिस ने ऐसे बचाई जान

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को हुई घटना के बाद वकीलों और पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज कर लिए गए हैं.

author-image
Deepak Pandey
New Update
Delhi Court: आगजनी से जेल में घुटने लगा था कैदियों का दम तो पुलिस ने ऐसे बचाई जान

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में खूनी संघर्ष( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को हुई घटना के बाद वकीलों और पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज कर लिए गए हैं. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की एसआईटी टीम करेगी. इस टीम की अध्यक्षता स्पेशल कमिश्नर स्तर के अफसर करेंगे. पुलिस का कहना है कि ये विवाद पार्किंग को लेकर शुरू हुआ था. पुलिस के उच्च अधिकारियों से मारपीट की गई.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः दिल्ली-NCR में प्रदूषण से मिल सकती है राहत, तेज हवा के बाद हुई बारिश

पुलिस ने आगे कहा कि हालांकि, इस मामले में सीसीटीवी फुटेज वेरिफाई की जा रही है. इस हिंस झड़प में 20 पुलिसकर्मी, एक एडिशनल डीसीपी, 2 एसएचओ को चोटें आई हैं. साथ ही 8 वकील चोटिल हुए हैं. 12 प्राइवेट बाइक, एक क्यूआरटी पुलिस जिप्सी और 8 जेल वैन डैमेज हो गईं, जिनमें कुछ को आग लगाई गई थी.

पुलिस ने आगे कहा कि वकील लॉकअप के अंदर जाकर मारपीट करने लगे. उन्होंने पुलिस की गाड़ियों व बाइकों में आग लगा दी. इसके बाद कैदियों ने दम घुटने की शिकायत की. इसके बाद पुलिस वालों ने मानव चेन बनाकर कैदियों को सुरक्षा के साथ तिहाड़ शिफ्ट किया. कैदियों को लाने ले जाने वाली थर्ड बटालियन से बहस और बवाल हुआ था. इस पर पुलिस ने बचाव में हवाई फायरिंग की, जिससे वकील घायल हुआ होगा, लेकिन इसकी सच्चाई जांच के बाद ही पता चलेगा.

यह भी पढ़ेंः हॉकी प्रशंसकों के लिए बड़ी खुशखबरीः महिला के बाद पुरुष टीम ने भी कटाए ओलंपिक टिकट

वहीं, इस घटना के विरोध में वकीलों ने हड़ताल करने का ऐलान किया है. 4 नवंबर को दिल्ली की निचली अदालतों के वकील हड़ताल पर रहेंगे, जिससे दिल्ली के सभी कोर्ट का कामकाज ठप रहेगा. साथ ही वह पुलिस आयुक्त गृह मंत्रालय को ज्ञापन भी देंगे. कोऑर्डिनेशन कमिटी के चेयरमैन महावीर शर्मा और सेक्रेटरी जनरली धीर सिंह कसाना ने कहा कि तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा की गई फायरिंग के विरोध में 4 नवंबर को दिल्ली की सभी जिला अदालतों में कामकाज ठप रखने का फैसला किया गया है.

एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने इस मामले में कहा कि थर्ड बटालियन के पुलिस और वकीलों के बीच हाथापाई पार्किंग को लेकर हुई थी. इसमें कुछ अन्य वकील भी शामिल हुए. वे लॉकअप के अंदर घुसना चाहते थे और वे बदला लेना चाहते थे, लेकिन हमने उन्हें अंदर नहीं आने दिया. हमने अंदर से ताला बंद कर दिया, ताकि बिना किसी जोखिम के जवानों और कैदियों को अदालत के सामने पेश किया जाए. जब वकील अंदर नहीं जा सके तो वे आग जलाकर लॉकअप तोड़ना चाहते थे.

यह भी पढ़ेंः Delhi Court: 4 नवंबर को हड़ताल पर रहेंगे वकील, DCP बोले, ...इसलिए घटना को दिया अंजाम

एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने आगे कहा कि कोर्ट परिसर के अंदर हमलोगों ने सिर्फ पुलिस ही नहीं कैदियों की भी जान बचाने की कोशिश की. अगर किसी को गोली लगी है तो वो मेडिकल रिपोर्ट में सामने आएगा. हमें काफी चोटें आईं. मुझे गर्व है कि मैंने लोगों को बचा लिया है. वहीं, बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष केसी मित्तल ने वकीलों पर किए गए हमले की निंदा की. उन्होंने कहा, इस घटना में एक वकील गंभीर रूप से घायल है. उन्होंने कहा कि उच्च पद पर बैठे एक पुलिसवाले ने लॉकअप में वकील को पीटा, उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए और मुकदमा चलाया जाना चाहिए. हम दिल्ली के वकीलों के साथ खड़े हैं.

बता दें कि पुलिस और वकीलों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते वकीलों ने पुलिस जिप्सी और कई अन्य वाहनों में आग भी लगा दी. वहीं, पुलिस फायरिंग में कई वकील घायल भी हो गए हैं. साथ ही वकीलों ने कोर्ट परिसर में खड़ी कई गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की. इस जबरदस्त झड़प में वकीलों ने पुलिस के कुछ अधिकारियों की भी पिटाई कर दी.

Tees Hazari Court delhi-police Delhi court Clash Between Police And lawyers
      
Advertisment