देश की राजधानी दिल्ली में जहरीली होती हवा ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. हालत ऐसी हो गई है कि दिल्ली के कई इलाकों में हवा को शुद्ध करने वाले उपकरण लगाए जा रहे हैं. दिल्ली के आईटीओ इलाके में सरकार ने एयर प्यूरीफिकेशन डिवाइस लगायी है, लेकिन क्या इससे लोगों के लिए सांस लेना आसान होगा. अगले 3 दिनों तक राजधानी में वायु की गुणवत्ता में सुधार की कोई संभावना होती नहीं दिख रही है. बता दें कि पंजाब व हरियाणा में पराली जलाना शहर के प्रदूषण में 28 से 30 प्रतिशत का योगदान दे रहा है. वहीं निर्माण कार्यों, उद्योगों और कूड़े जलाने से समस्या पैदा हो रही है.
सोमवार को भी राष्ट्रीय राजधानी में हल्की धुंध के कारण दृश्यता में कमी देखी गई. क्षेत्र में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब बनी हुई है. यहां का न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
वायु गुणवत्ता और मौसम पूवार्नुमान और शोध (सफर) के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सोमवार को वायु प्रदूषण की स्थिति खराब बनी हुई है. दिन में कई इलाकों में आंशिक बदली छाई रही.
दिल्ली में कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थित में जा चुकी है. दिवाली पर प्रदूषण बढ़ने का खतरा पहले से बना हुआ है. पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में, पीएम 2.5 और पीएम10 का औसत स्तर क्रमश: 241 और 431 यूनिट बना हुआ है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, खतरनाक वायु गुणवत्ता की स्थिति तब पैदा होती है, जब पीएम2.5 250 से 300 के बीच और पीएम10 430 से 500 के बीच हो.
चांदनी चौक, द्वारका उपनगर, रोहिणी, आर.के.पुरम, नरेला, पंजाबी बाग 36 में से उन 18 जगहों में शामिल हैं, जहां खतरनाक वायु गुणवत्ता के साथ पीएम2.5 खराब स्तर तक पहुंच गया है.
Source : News Nation Bureau