दिल्ली बीजेपी के नए अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की अपनी ही पार्टी की पुरानी मांग पर यू टर्न ले लिया है। मनोज तिवारी ने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है इसलिए इसे पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलना चाहिए।
फिल्मों से राजनीति में आए मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग पूरी करना देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा साबित हो सकता है।
एक टीवी चैनल को शुक्रवार को दिए इंटरव्यू में मनोज तिवारी ने कहा, "जिस तरह सभी राज्यों की राजधानी होती है, ठीक उसी प्रकार देश की राजधानी दिल्ली है। इसे अलग राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता।"
तिवारी ने हालांकि कहा कि पूर्वाचल को एक अलग राज्य बना देना चाहिए, क्योंकि 'छोटे राज्य ज्यादा तेजी से तरक्की' करते हैं।
बीजेपी कई वर्षो तक दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर चुकी है।
बीजेपी के दिग्गज नेता रहे कालका दास ने सन् 1988 में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई थी।उस वक्त बीजेपी नेता साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, तब सन् 1998 में पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर एक मसौदा विधेयक तैयार किया गया था।
यहां तक कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी ने सन् 1999 में होने वाले लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया गया था।
साल 2003 में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने संबंधी एक विधेयक तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने संसद में पेश किया था, जिसे संसद की एक स्थायी समिति को सौंप दिया गया था, जिसके अध्यक्ष प्रणब मुखर्जी थे।
नोटबंदी पर नीतीश कुमार के समर्थन देने पर कहा कि उन्हें एक बार फिर बीजेपी के साथा आना चाहिए।
HIGHLIGHTS
- दिल्ली को नहीं मिलना चाहिए पूर्ण राज्य का दर्जा:मनोज तिवारी
- दिल्ली बीजेपी के नए अध्यक्ष बने हैं सांसद मनोज तिवारी
Source : News Nation Bureau