Delhi School Admission: EWS छात्रों के दाखिले को लेकर ऑनलाइन लॉटरी, 25000 सीटों के लिए एक लाख 854 छात्रों के मिले आवेदन

Delhi School Admission: नर्सरी के लिए दिल्ली के कुल 1299 निजी स्कूलों की 24,933 सीटों को लेकर एक लाख 854 छात्रों के आवेदन मिले थे. 

Delhi School Admission: नर्सरी के लिए दिल्ली के कुल 1299 निजी स्कूलों की 24,933 सीटों को लेकर एक लाख 854 छात्रों के आवेदन मिले थे. 

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Mohit Saxena
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school admission Photograph: (social media)

Delhi School Admission: दिल्ली के निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) के छात्रों को को 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिले को लेकर बुधवार को ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई. शिक्षा निदेशालय में शै​क्षणिक सत्र 2025-26 को लेकर यह  ड्रॉ निकाला गया. नर्सरी के लिए दिल्ली के कुल 1,299 निजी स्कूलों की 24,933 सीटों को लेकर एक लाख   854 छात्रों के आवेदन मिले थे. इस दौरान केजी कक्षाओं में 622 स्कूलों की 4,682 सीटों के लिए 40,488 आवेदन मिले थे. कक्षा एक को लेकर 1,213 स्कूलों की 14,430 सीटों को लेकर 62,597 आवेदन मिले थे. 

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इन सभी का बुधवार को सफलता के तहत ड्रॉ को निकाला. इसके बाद सारे डेटा को रोक दिया गया. इसके लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था. इसने सार्वजनिक रूप से सीडी बनाकर इसे सील कर डायरेक्टर ऑफिस में जमा कराया. दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने जानकारी दी कि दिल्ली में पहली बार लॉटरी की यह प्रक्रिया हजारों अभिभावकों और मीडिया की मौजूदगी में पारदर्शी और निष्पक्ष तरह से संपन्न हुई. इस दौरान तीन कैटेगरी   नर्सरी, केजी और पहली कक्षा को लेकर ड्रॉ निकाला गया.

इंटरनेट की सुविधा मौजूद नहीं थी

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, 'भावेश नामक एक छोटे बच्चे ने केजी और कक्षा को लेकर ड्रॉ ऑफ लॉट्स के  लिए स्टैंडअलोन कंप्यूटर के बटन को दबाया और ड्रॉ की शुरुआत की. शामनाथ मार्ग के निवासी भावेश की  मां घरेलू सहायिका है.' सूद ने बताया कि शिक्षा निदेशालय के कार्यालय में जो स्टैंडअलोन कंप्यूटर था. उस कमरे में इंटरनेट की सुविधा मौजूद नहीं थी. यहां तक कि मीडियाकर्मियों के फोन भी कमरे के अंदर नहीं ले जाने दिए.  शिक्षा निदेशक अपना फोन कमरे के अंदर लेकर नहीं गए. 

बच्चों और मीडिया को सामने रखा गया

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पहले राजधानी में नर्सरी में एडमिशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं थी. लोग ड्रॉ में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते. इसको लेकर सीएम गुप्ता काफी चिंतित थीं. हमने ये प्रयास किया कि इसको ज्यादा पारदर्शी तरह से पूरा किया जाए. ड्रॉ में पारदर्शिता को लेकर अभिभावकों, बच्चों और मीडिया को सामने रखा गया. उन्होंने बताया कि इस बार दाखिला प्रक्रिया में ईडब्लूएस कोटे के वार्षिक आय की लिमिट ढाई लाख रुपये से पांच लाख रुपये करी गई है. इस तरह से ज्यादा लोग इसमें शामिल हो सकेंगे. 

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