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Delhi Riots: ताहिर हुसैन आईबी अफसर की हत्या के मामले में गिरफ्तार, UAPA के तहत केस दर्ज

उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान भीड़ ने आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या कर दी थी. हुसैन इसी मामले में आरोपी हैं. पुलिस ने मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह रजावत से हुसैन को पांच दिन के लिए पुलिस हिरासत में देने की मांग की.

Updated on: 23 Apr 2020, 12:42 AM

दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने खुफिया ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा की कथित हत्या के मामले में आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) को दिल्ली की एक अदालत से सोमवार को गिरफ्तार किया. पिछले महीने उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान भीड़ ने आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या कर दी थी. हुसैन इसी मामले में आरोपी हैं. पुलिस ने मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह रजावत से हुसैन को पांच दिन के लिए पुलिस हिरासत में देने की मांग की. अर्जी को स्वीकार करते हुए अदालत ने हुसैन को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. शर्मा (26) के परिवार को उनका शव चांद बाग इलाके में स्थित उनके घर के पास नाले से मिला था. शर्मा के पिता की ओर से मिली शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की. हालांकि, हुसैन ने इन आरोपों से इंकार किया है.

उत्तर-पूर्वी जिले में 24 और 25 फरवरी को भड़की हिंसा के दौरान आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या कर दी गई थी. इस हिंसा के घटनास्थल के कई वीडियो हाथ लग गए. इन मोबाइल वीडियो और ताहिर की गिरफ्तारी के बाद जांच में जुटी टीमों को उम्मीद है कि ये वीडियो उसी जगह के हैं, जहां हेड कांस्टेबल रतन लाल (Head Constable Ratan lal) को भीड़ ने घेर लिया था. मीडिया को ऐसी ही और तमाम जानकारियां नाम उजागर न करने की शर्त पर दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम के कुछ अधिकारियों ने दी.

ताहिर हुसैन पर दंगा भड़काने का भी आरोप
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से ऐन पहले दिल्ली में कई स्थानों पर साम्प्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. कई दिनों तक जली दिल्ली में बहुत से लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा औऱ 400 से ज्यादा लोग घायल हुए. दिल्ली पुलिस को अपनी प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दंगा पूर्व नियोजित था और इसके पीछे बाहरी ताकतों समेत कुछ लोगों और संगठनों का हाथ था.

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यूपी और दिल्ली के दंगों के पीछे था पीएफआई का हाथ
यूपी और दिल्ली दंगों के पीछे पीएफआई का नाम शुरुआत से ही आ रहा है. यह अलग बात है संगठन इस आरोप से लगातार इंकार करता आ रहा है. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार तो केंद्र से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की संस्तुति भी कर चुकी है. ताहिर हुसैन पर पीएफआई से संबंध रखने का शक है. चांद बाग स्थित ताहिर हुसैन के घर की छत से जिस भारी मात्रा में पेट्रोल बम, छोटी-बड़ी गुलेल और तेजाब के पाउच बरामद हुए, उससे लगता है कि दंगा पूर्व निय़ोजित था.

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ताहिर के पीएफआई कनेक्शन की भी जांच
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ईडी ताहिर हुसैन के संदेहास्पद संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबधों की भी पड़ताल कर रही है. पीएफआई पहले से ही दिल्ली दंगों को लेकर खुफिया संस्थाओं और दिल्ली पुलिस के राडार पर है. ईडी पीएफआई पर पहले ही मुकदमा दर्ज कर चुकी है. गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने पीएफआई सदस्य दानिश को पहले ही गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली है.

शाह आलम पहले से पुलिस की कस्टडी में है
दानिश पर शाहीन बाग में सीएए के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शन को फंडिंग समेत दंगा भड़काने के लिए भी पैसे मुहैया कराने का आरोप है. दानिश पीएफआई के काउंटर इंटेलीजेंस विंग का सदस्य बताया जा रहा है. इस बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन के तीन और साथियों को गिरफ्तार कर लिया. इनके नाम इरशाद, आबिद और शादाब बताए जा रहे हैं. आरोप है कि ताहिर हुसैन की छत से इन्हीं तीनों ने पेट्रोल बम फेंके. अंकित शर्मा की हत्या के आरोप में ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम को भी दिल्ली पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.