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दिल्ली रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल वापस, सरकार ने मानी मांग

डॉक्टरों के इस फैसले से कल से दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों और उनके तीमारदारों को राहत मिलेगी क्योंकि 12 दिन से ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं ठप होने से दिल्ली के तमाम अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं.

Updated on: 28 Dec 2021, 07:21 PM

नई दिल्ली:

12 दिन से चली आ रही डॉक्टर्स की हड़ताल आखिर मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय में हुई मीटिंग के बाद खत्म हो गई. जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय में हुई मीटिंग में डॉक्टर एसोसिएशन को यह आश्वासन मिला कि आगामी 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार नीट काउंसलिंग की तारीख बताएगी. डॉक्टर्स के खिलाफ कल हुई पुलिस कार्रवाई पर माफी मांगी जाएगी और एफआईआर रद्द की जाएगी. डॉक्टरों के इस फैसले से कल से दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों और उनके तीमारदारों को राहत मिलेगी क्योंकि 12 दिन से ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं ठप होने से दिल्ली के तमाम अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं.

आपको बता दें कि नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली में सोमवार को प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों की पुलिस से झड़प हो गई थी. दोनों पक्षों ने दावा किया था कि उनकी ओर के कई लोग घायल हुए हैं. इस घटना की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आलोचना की और पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर जल्द से जल्द नीट-पीजी काउंसलिंग कराने की मांग की थी. 

खत में केजरीवाल ने लिखा, ओमिक्रोन वायरस के खतरे के बीच एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया जैसे बड़े सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर थे. सोमवार को जब ये प्रदर्शन कर रहे थे, तब पुलिस ने इनके साथ मारपीट की, हाथ उठाया और दुर्व्यवहार किया.  खत में आगे सीएम ने लिखा, ये वही डॉक्टर हैं, जिन्होंने कोरोना महामारी में अपनी जान की परवाह न करते हुए कोविड मरीजों की सेवा की. न जाने इस दौरान कितने डॉक्टरों की जान गई लेकिन फिर भी वे कर्तव्यों से पीछे नहीं हटे. मेरा अनुरोध है कि जल्द से जल्द नीट-पीजी काउंसलिंग कराई जाए. 

पुलिस ने किया डॉक्टरों के आरोपों से इनकार

हालांकि, पुलिस ने लाठीचार्ज करने या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोपों से इनकार किया और कहा कि 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था. पुलिस ने कहा कि छह से आठ घंटे तक प्रदर्शनकारियों ने आईटीओ रोड को जाम कर दिया. उनसे बार-बार अनुरोध किया गया कि वे वहां से हट जाएं, लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया.