Delhi Red Fort Blast: बेसमेंटनुमा इस इमारत में न फर्श बनी है, न ही पूरी तरह ढांचा तैयार हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि दो महीने पहले निर्माण शुरू हुआ था और लगभग एक महीने पहले छोटे बच्चों की तालीम भी शुरू कर दी गई थी.
Delhi Red Fort Blast: दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ा सुराग हाथ लगा है. हरियाणा के फरीदाबाद स्थित धौज गांव में मौजूद एक मदरसा अब जांच का केंद्र बन गया है. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल इस मदरसे में नियमित तौर पर आता-जाता था. यही नहीं, उसने ही इस मदरसे के निर्माण और जमीन खरीद के लिए फंडिंग भी की थी.
अधूरा है मदरसे का निर्माण
सूत्रों के अनुसार, मदरसा अल्फला यूनिवर्सिटी से महज 700 मीटर की दूरी पर बनाया गया था. करीब 200 वर्ग गज में बने इस मदरसे का निर्माण अभी अधूरा है. बेसमेंटनुमा इस इमारत में न फर्श बनी है, न ही पूरी तरह ढांचा तैयार हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि दो महीने पहले निर्माण शुरू हुआ था और लगभग एक महीने पहले छोटे बच्चों की तालीम भी शुरू कर दी गई थी, हालांकि दस दिन पहले पढ़ाई बंद हो गई.
इस मदरसे से जुड़े इमाम मोहम्मद इश्तियाक को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. निर्माण से जुड़ी पावर ऑफ अटॉर्नी भी उनके नाम पर बताई जा रही है. उनकी पत्नी का कहना है कि वह अल्फला यूनिवर्सिटी स्थित मस्जिद में इमाम थे और उन्हें 10,000 रुपये मासिक वेतन मिलता था.
जांच में पता चला है कि मुजम्मिल नमाज़ पढ़ने और बच्चों को पढ़ाते वक्त यहां आता था. कई अन्य डॉक्टर जैसे डॉक्टर शाहीन और डॉक्टर आदिल भी उर्दू और अरबी सीखने के बहाने यहां पहुंचते थे. जांच एजेंसियों को आशंका है कि यही जगह उनकी बैठकों का ठिकाना बन गई थी.
पाया गया अमोनियम नाइट्रेट
सुरक्षा एजेंसियों ने इश्तियाक के घर से 3000 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किए जाने का भी जिक्र किया है, जो मामले को और गंभीर बनाता है. हालांकि, स्थानीय लोग बताते हैं कि उन्हें कभी कोई संदिग्ध गतिविधि नजर नहीं आई. उनका कहना है कि मौलवी का व्यवहार शांत और सामान्य था, और उन्होंने कभी किसी बाहरी व्यक्ति को आते नहीं देखा.
हर कनेक्शम की गहराई से जांच
फिलहाल, जांच एजेंसियां मदरसे की फंडिंग, जमीन खरीद और यहां आने-जाने वाले लोगों के कनेक्शन्स की गहराई से जांच कर रही हैं. अल्फला यूनिवर्सिटी परिसर और उससे जुड़े कई ठिकानों पर भी कल छापेमारी की गई, जहां दस्तावेज़ और शेल कंपनियों से जुड़े कई सुराग मिले हैं. इस पूरे मामले में नए खुलासों की संभावना बनी हुई है.
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