Delhi Rains: देशभर में मौसम के मिजाज ने करवट ली है. लेकिन दिल्ली और उससे सटे इलाकों में हालात बिल्कुल ही बदल गए. आंधी और बारिश ने सूरज की तपिश से राहत तो दी लेकिन सड़कों पर चलना मुहाल कर दिया है. वहीं कई इलाकों में आंधी और बारिश ने जिदंगी की रफ्तार भी थाम दी है. बता दें कि शुक्रवार को हुई बारिश ने दिल्ली में बीते 17 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इससे पहले मई में 17 साल पहले ही इतनी बारिश दर्ज की गई थी.
राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में शुक्रवार सुबह अचानक हुई मूसलधार बारिश ने मौसम को तो सुहावना बना दिया, लेकिन नगरवासियों के लिए यह बारिश एक बार फिर से परेशानी का सबब बन गई. मई के महीने में जब तापमान आमतौर पर चरम पर होता है, उस समय इस तरह की बारिश न केवल अप्रत्याशित रही, बल्कि रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज की गई.
मौसम विभाग के अनुसार, यह बारिश पिछले 17 वर्षों में मई के महीने की दूसरी सबसे अधिक वर्षा रही। इससे पहले 20 मई 2021 को राजधानी में 119.3 मिमी बारिश दर्ज की गई थी.
बारिश से मौसम खुशनुमा, लेकिन सड़कों पर आफत
इस बार दिल्ली के विभिन्न इलाकों में अलग-अलग स्तर की वर्षा दर्ज की गई। लोधी रोड क्षेत्र में सबसे ज्यादा 78.0 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पालम में 45.6 मिमी, रिज क्षेत्र में 59.2 मिमी और आया नगर में 39.4 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई. तेज बारिश और आंधी के कारण राजधानी का तापमान भी अचानक गिर गया, जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली, हालांकि, यह राहत ज्यादा देर टिक नहीं पाई क्योंकि सड़कों पर जलभराव ने फिर से दिल्ली की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी.
जलभराव से बेहाल दिल्लीवासी
हर बार की तरह इस बार भी तेज बारिश के साथ दिल्ली की सड़कों पर पानी भर गया. कई मुख्य मार्गों पर जलभराव से लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहा, जिससे ऑफिस जाने वाले लोग और स्कूली बच्चे घंटों फंसे रहे. दक्षिण, मध्य और पूर्वी दिल्ली के कई इलाके पानी में डूबे नजर आए. सोशल मीडिया पर भी लोगों ने जलभराव की तस्वीरें और वीडियो साझा कर नाराजगी जाहिर की. खास बात यह रही कि जिन इलाकों को जलभराव के लिए "संवेदनशील" घोषित किया गया था, वहीं पर सबसे ज्यादा पानी जमा हुआ.
पेड़ पर चढ़ गई कार
आंधी और बारिश के बाद हालात काफी खराब थे. कई जगह पर पेड़ उखड़ गए तो कुछ पेड़ों पर कार चढ़ गई. कुछ तस्वीरों ने तो हर किसी को चौंका दिया. वहीं सड़कों पर जलजमाव से भी काफी परेशानियां हुईं. लोगों को दफ्तर पहुंचने में काफी मशक्कत करना पड़ी. मेट्रो भी तय समय पर नहीं चल पाई.