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प्रदूषण पर बड़ा फैसला Photograph: (ani)
देश की राजधानी इस समय गंभीर प्रदूषण की चपेट में है. हालात ऐसे हैं कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आंखों में जलन की शिकायत आम हो गई है. शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो दिल्ली के प्रदूषण से परेशान न हो. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार लगातार कदम उठा रही है, हालांकि अब तक किए गए प्रयास पर्याप्त साबित नहीं हो पाए हैं.
क्या 18 दिसंबर से नहीं मिलेगा पेट्रोल?
इसी क्रम में दिल्ली सरकार ने एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है. सरकार ने ऐलान किया है कि जिन वाहनों के पास प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र यानी PUCC नहीं होगा, उन्हें गुरुवार 18 दिसंबर से पेट्रोल नहीं दिया जाएगा. इसका मतलब यह है कि पेट्रोल पंप पर तेल भरवाने के लिए PUCC सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा. सरकार ने यह भी जानकारी दी है कि PUCC सर्टिफिकेट नहीं होने की स्थिति में भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जो 7 लाख रुपये तक हो सकता है.
क्या इस बार अधिक नहीं है प्रदूषण?
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस फैसले पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछले दस वर्षों से लगभग इसी स्तर पर बना हुआ है. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष AQI करीब 380 के आसपास था, जबकि वर्तमान में यह लगभग 363 है. उनके अनुसार यह समस्या वर्षों पुरानी है और इसके लिए पूर्व की नीतियां जिम्मेदार हैं.
क्या प्रदूषण पर दिल्ली सरकार कर रही है काम?
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सरकार लगातार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए काम कर रही है. उनके अनुसार पिछले साल की तुलना में इस वर्ष प्रदूषण में कुछ कमी आई है. उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में कूड़े के पहाड़ को लगभग 15 मीटर तक कम करने में सरकार सफल रही है. कुल 202 एकड़ में से अब तक 45 एकड़ क्षेत्र को साफ किया जा चुका है.
इंडस्ट्रियल एरिया में सख्त निर्देश
पर्यावरण मंत्री ने जानकारी दी कि दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में जो इकाइयां नियमों का पालन नहीं कर रही थीं, उन्हें सरकार के दायरे में लाया गया है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति यानी DPCC ने दो हजार से अधिक नोटिस जारी किए हैं, जिनकी कुल राशि 9 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है.
और क्या-क्या उठाए गए हैं कदम?
सरकार ने बायोगैस और अन्य प्रदूषण स्रोतों को कम करने के लिए भी कदम उठाए हैं. अब तक करीब 10 हजार हीटर वितरित किए जा चुके हैं ताकि वैकल्पिक और स्वच्छ साधनों को बढ़ावा दिया जा सके. सरकार का दावा है कि आने वाले दिनों में और कड़े कदम उठाकर दिल्ली की हवा को साफ करने की दिशा में काम किया जाएगा.
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