कुछ दिनों की राहत के बाद प्रदूषण के स्तर में फिर बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदूषण का स्तर बुधवार को इमरजेंसी की कैटगरी में पहुंचने की आशंका है. बात करें एयर क्वालिटी इंडेक्स की तो लोधी रोड पर एयर क्वालिटी 500 दर्ज किया गया है जबकि नोएडा में ये 472 दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि दिल्ली को अगले तीन दिनों तक इस प्रदूषण से निजात नहीं मिलने वाली.
गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है. इससे पहले भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि हवा की गति में कमी आने के चलते प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. उन्होंने बताया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने में बढ़ोतरी हुई है, जिसका असर भी दिल्ली-एनसीआर में देखने को मिल रहा है.
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इससे पहले 'सफर' ने अनुमान लगाते हुए बताया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखी गई है. बता दें कि 8 नवबंर को पराली जलाने की केवल 415 घटनाएं दर्ज की गई थी, जबकि 9 नवंबर को 1,882 घटनाएं दर्ज हुई. पराली के कारण भी दिल्ली में अगले दो दिन दिल्ली धुआं-धुआं हो सकता है. सफर ने ये भी अनुमान जताया है कि पराली के धुएं की वजह से दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 कणों की मात्रा में 18 फीसदी तक की बढ़ोतत्तरी हो सकती है.
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इससे पहले दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता सोमवार को ‘गंभीर’ श्रेणी के नजदीक रही. खेतों में पराली जलाने में बढ़ोतरी, वायु की गति में कमी और प्रदूषकों के फैलाव में तापमान के चलते बाधा आने के कारण हालात तेजी से बिगड़े हैं. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी सेवा सफर के मुताबिक मंगलवार को वायु गुणवत्ता फिर ‘गंभीर’ श्रेणी में आ जाएगी. दिल्ली का सकल एक्यूआई सोमवार को शाम चार बजे 360 था, जो रविवार को 321 के मुकाबले अधिक है.