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'गैस चैंबर' में तब्दील हुई राजधानी दिल्ली, एक हफ्ते तक बंद रहेंगे स्कूल

दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा ​कि सोमवार से एक हफ्ते के लिए स्कूल बंद रहेंगे. सिर्फ वर्चुअल क्लास चलेंगी. 14-17 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी का काम बंद किया जाएगा. सरकारी दफ्तरों का वर्क फ्रॉम होम किया जा रहा है तो दफ्तर बंद रहेंगे

Updated on: 13 Nov 2021, 11:57 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण ( Delhi Air Pollution )ने लोगों का सांस लेना मुहाल कर दिया है. प्रदूषण के चलते दिल्लीवासियों को भारी परेशानी का सामना कर पड़ा रहा है. इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( Delhi CM Arvind Kejriwal ) ने प्रदूषण की समस्या को इमरजेंसी ​बैठक बुलाई. बैठक के बाद दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा ​कि सोमवार से एक हफ्ते के लिए स्कूल बंद रहेंगे. सिर्फ वर्चुअल क्लास चलेंगी. 14-17 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी का काम बंद किया जाएगा. सरकारी दफ्तरों का वर्क फ्रॉम होम किया जा रहा है तो दफ्तर बंद रहेंगे.

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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में एडवाइजरी जारी की जाएगी कि वहां भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को वर्क फ्रॉम दिया जाए.  सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले दुनिया के शीर्ष 10 शहरों में भारत के दिल्ली, कोलकाता और मुंबई शामिल हैं। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 556 है, जो सूची में शीर्ष पर पहुंच गया है। कोलकाता और मुंबई सूची में चौथे और छठे स्थान पर हैं. दोनों शहरों को सूचकांक क्रमश: 177 और 169 एक्यूआई दर्ज किया गया। सबसे खराब एक्यूआई सूचकांक वाले शहरों में पाकिस्तान में लाहौर और चीन में चेंगदू भी शामिल हैं. एक रीयल-टाइम वायु गुणवत्ता सूचना मंच - आईक्यूएयर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) का एक तकनीकी भागीदार भी है.

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सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में गंभीर वायु प्रदूषण पर गंभीरता से विचार किया और सुझाव दिया कि यदि आवश्यक हो, तो सरकार पराली जलाने, वाहनों, पटाखों, उद्योग और धूल के कारण बढ़े वायु प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने के लिए दो दिनों के लॉकडाउन की घोषणा कर सकती है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि किसानों द्वारा पराली जलाए जाने से केवल 25 प्रतिशत प्रदूषण होता है और शेष 75 प्रतिशत प्रदूषण पटाखा जलाने, वाहनों के प्रदूषण, धूल आदि से होता है.