logo-image

JNU हिंसा में बेनकाब हुए हमलावर, दिल्ली पुलिस ने जारी की 9 लोगों की तस्वीरें

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर जेएनयू हिंसा (JNU Violence) में अबतक हुई जांच की जानकारी दी है.

Updated on: 10 Jan 2020, 05:32 PM

नई दिल्‍ली:

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में 5 जनवरी को छात्रों पर हमला करने वाले नकाबपोश हमलावरों की पहचान दिल्ली पुलिस ने कर ली है. दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर जेएनयू हिंसा में अबतक हुई जांच की जानकारी दी है. इस दौरान दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डीसीपी जाय टिर्की और दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि वाट्सएप ग्रुप से हिंसा की साजिश रची गई थी. डीसीपी जाय टिर्की ने कहा कि लेफ्ट के 4 छात्र संगठन रजिस्टेशन के खिलाफ थे.

दिल्ली पुलिस ने कहा कि 3 जनवरी को विरोध शुरू हुआ था. लेफ्ट के छात्रों ने 3 जनवरी को सर्वर से छेड़छाड़ की थी, जिससे वह बंद हो गया. 4 जनवरी को सर्वर को नुकसान पहुंचाया गया था. 5 जनवरी को सुबह 11.30 बजे से रजिस्ट्रेशन के समर्थकों से मारपीट शुरू हुई थी. फिर शाम 3.45 बजे परियार हॉस्टल और साबरमती हॉस्टल में लेफ्ट के छात्रों ने छात्रों पर अटैक किया. उन्होंने चुन-चुनकर छात्रों को मारापीटा.

दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमलावरों को दोनों हॉस्टलों की पूरी जानकारी थी, इसलिए उन्होंने छात्रों को मारपीट कर घायल कर दिया. इसके बाद सभी घायकों को अस्पलात में भर्ती कराया गया. जेएनयू हिंसा में दिल्ली पुलिस ने कुछ तीन मुकदमा दर्ज किए हैं. पहला केस- सर्वर को नुकसान पहुंचाने का, दूसरा केस- रजिस्ट्रेशन समर्थकों से मारपीट करने का और तीसरा केस- हॉस्टल में घुसकर मारपीट करने का दर्ज किया गया है.

दिल्ली पुलिस PRO एमएस रंधावा ने कहा कि जेएनयू हिंसा से संबंधित आपराधिक मामलों की जांच क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही है, लेकिन यह पाया गया है कि इन मामलों से संबंधित काफी गलत सूचना फैलाई जा रही है. दिल्ली पुलिस ने हमलावरों की तस्वीर जारी की है. इसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत 9 हमलावर हैं. तस्वीर में आरोपियों के नाम भी हैं. जिन लोगों की पहचान की गई उनमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, आयेशी घोष (जेएनयूएसयू अध्यक्ष), वास्कर विजय, सुचेता तालुकराज, प्रिया रंजन, डोलन सावंत, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल शामिल हैं.

दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे में कैद संदिग्धों की तस्वीरें जारी की हैं. इसके बाद जेएनयू हिंसा की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डॉ. जॉय टिर्की ने कहा कि अब तक तीन मामले दर्ज किए गए हैं और उनकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन ने 1-5 जनवरी तक छात्रों के ऑनलाइन पंजीकरण करने का फैसला किया था. जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन सहित स्टूडेंट्स फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन इसके खिलाफ थे. 

इसके बाद विवाद लगातार बढ़ता गया और पांच जनवरी को पेरियार व साबरमती हॉस्टल के कुछ कमरों में हमला किया गया. जॉय टिर्की ने कहा कि जेएनयू में हिंसा करने को व्हाट्सऐप ग्रुप भी बनाए गए. नकाबपोश जानते थे कि उनको किस-किस कमरे में जाना है. हिंसा के सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले हैं. हालांकि, हमने वायरल वीडियो के जरिए आरोपियों की पहचान की है. इसको लेकर हमने 30-32 गवाहों से भी बातचीत की है.

डॉ जॉय टिर्की ने कहा कि अब तक किसी भी संदिग्ध को हिरासत में नहीं लिया गया है, लेकिन हम जल्द ही संदिग्धों से पूछताछ शुरू करेंगे.