दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच तीस हजारी कोर्ट में हुए विवाद को लेकर पुलिस मुख्यालय के बाहर मंगलवार को जमकर प्रदर्शन हुआ. इसमें पुलिस के जवानों ने मंगलवार दोपहर कमिश्नर अमूल्य पटनायक के सामने ही नारे लगाने शुरू कर दिए. 'हमारा सीपी कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो' के नारे से पूरा मुख्यालय गूंजने लगा. पुलिस कर्मियों का यह आक्रोश इस बात को लेकर है कि इस मामले पर वरिष्ठ अधिकारी खुद दखल दें और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले वकीलों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दें.
पुलिसकर्मियों के रोष का आलम यह था कि जब डीसीपी स्तर के अधिकारी उनसे बात करने पहुंचे तो उन्होंने कमिश्नर अमूल्य पटनायक के बाहर आने की मांग की और उन्हीं के सामने अपनी बात कहने को कहा. दोपहर कमिश्नर अमूल्य पटनायक बाहर आए और उन्होंने जवानों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए वापस ड्यूटी पर लौटने की बात कही तो जवानों ने इस दौरान यह नारेबाजी शुरू कर दी कि हमारा कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो.
गौरतलब है कि तीस हजारी हिंसा मामले में बार काउंसिल ने सख्त रूख अपना लिया है. बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली की सभी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन को ख़त लिखकर साफ किया है कि अगर वकील हड़ताल खत्म कर काम पर नहीं लौटते और किसी भी तरह की हिंसा में शामिल होते है तो बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया उनका समर्थन नहीं करेगी.
बता दें किरण बेदी इस समय पुडुचेरी की उपराज्यपाल हैं. किरण बेदी पहली महिला आईपीएस अफसर थीं. उन्होंने 35 साल पुलिस में काम किया. उनकी छवि एक सख्त पुलिस अफसर के रूप में रही है. वह चर्चा में उस वक्त आईं थीं जब उन्होंने पीएम इंदिरा गांधी की गाड़ी का चालान कर दिया. वह पुलिस के जवानों के लिए हमेशा खड़ी रहने वाली पुलिस अधिकारी रही हैं.
1988 - किरण बेदी बनाम वकील
- 1988 में किरण बेदी ने वकीलों के खिलाफ बेहद सख्त कार्रवाई की थी.
- जनवरी 1988 में एक कॉलेज में एक चोरी के सिलसिले में एक वकील को गिरफ्तार किया गया था
- पुलिस ने तब के चलन के हिसाब से उस वकील को हथकड़ी लगा कर पेश किया
- तीस हजारी अदालत परिसर में साथी वकील को उस हालत में देख वकीलों ने बड़ा प्रदर्शन किया
- किरण बेदी तब डीसीपी नॉर्थ थीं , उनका दफ्तर भी तीस हजारी परिसर में ही था
- वकीलों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए किरण बेदी ने खुद कमान संभाली
- पुलिस और वकीलों के बीच टकराव के बाद बेदी ने लाठी चार्ज का आदेश दिया था
- पुलिस की लाठीचार्ज से करीब 20 वकील घायल हो हुए
- मामला वकील बनाम पुलिस बन गया और लंबे वक़्त तक वकीलों का हड़ताल चलता रहा
- वकीलों के दबाव की बाद आखिरकार बेदी को पद से हटा दिया गया
- किरण बेदी के पूरे कार्यकाल के दौरान वकील उनका विरोध किसी न किसी रूप में करते रहे
पुलिस कमिश्नर ने भी काम पर लौटने का दिया निर्देश
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने पुलिस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों से काम पर लौटने को कहा है. पुलिसकर्मी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई न होने से नाखुश हैं.
सोमवार को वकीलों ने की थी पुलिसकर्मी की पिटाई
तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा वकीलों की पिटाई के बाद सोमवार को वकीलों ने एक पुलिसकर्मी को पीट दिया. बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मी वीडियो बना रहा था जिससे वकील नाराज हो गए और उन्होंने पुलिसकर्मी को पीट दिया. ये पुलिसकर्मी तमिलनाडु से आया था. दूसरी तरह साकेत कोर्ट के बाहर भी वकीलों द्वारा एक ऑटोवाले की पिटाई का मामला सामने आया.
शनिवार को पार्किंग विवाद में हुई थी झड़प
शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग को लेकर वकील और पुलिस के बीच झड़प हो गई. पुलिस की गोलीबारी से एक वकील के गोली लग गई. इससे भड़के वकीलों ने पुलिस के साथ मारपीट की और पुलिस जीप में आग लगा दी. घटना के विरोध में सोमवार को वकीलों ने हड़ताल कर दी
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो