दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट सीपी शालिनी सिंह करेंगी JNU हिंसा की जांच, परिसर में पुलिस का फ्लैग मार्च
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर पर छात्रों के दो गुटों के बीच हिंसक झड़प के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन के आग्रह पर परिसर में पुलिस को तैनात कर दिया गया है. हिंसक झड़प में कई छात्र-छात्राएं घायल हो गए.
नई दिल्ली:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर पर छात्रों के दो गुटों के बीच हिंसक झड़प के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन के आग्रह पर परिसर में पुलिस को तैनात कर दिया गया है. हिंसक झड़प में कई छात्र-छात्राएं घायल हो गए. संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र) देवेंद्र आर्य ने आईएएनएस से कहा, "विश्वविद्यालय प्रशासन ने हमसे आग्रह किया, इसके बाद पुलिस टीम ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश किया." उधर, दिल्ली पुलिस ने ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह के नेतृत्व में स्पेशल टीम गठित कर जांच का जिम्मा सौंपा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से घटना की रिपोर्ट तलब की है.
जेएनयू हिंसा पर डीसीपी साउथ वेस्ट देवेंद्र आर्या का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को जेएनयू परिसर में दाखिल होने की लिखित अनुमति दी. इसके बाद पुलिस ने यहां पहुंचकर स्थिति को अपने नियंत्रण में ले लिया. डीसीपी देवेंद्र आर्या के मुताबिक फिलहाल जेएनयू के अंदर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. पुलिस ने सभी आवश्यक प्वाइंट्स पर पुलिस बल तैनात कर दिए हैं. आर्य ने कहा कि पुलिस टीम ने परिसर में फ्लैग मार्च किया. बताया जा रहा है कि जेएनयू परिसर में रविवार की शाम कुछ नाकाबपोश लोग घुस गए. वे हाथ में डंडे और लोहे की रॉड लिए हुए थे. उन्होंने छात्र-छात्राओं और प्रध्यापकों की अंधाधुंध पिटाई कर दी.
पिटाई से जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित दो पदाधिकारी घायल हो गए. आइशी की आंख पर लोहे की रॉड से हमला किया गया. लहूलुहान आइशी को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. घायल छात्रों ने आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पर हिंसा करने का आरोप लगाया है. हमले में जेएनयू छात्रसंघ के महासचिव सतीश चंद्र भी घायल हुए हैं.
हिंसा में 21 छात्रों के घायल होने की सूचना है. घायलों को उपचार के लिए एम्स ले जाया गया है. कई घायलों को एम्स से छुट्टी भी दे दी गई है. जख्मी छात्रों के बयान के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी. विश्वविद्यालय में हुई इस हिंसा का विरोध कर रहे जेएनयू के कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय में पहुंचे पुलिस अधिकारियों को बताया कि नकाबपोश हमलावर छात्रों को पीटने के लिए पेरियार, कावेरी, साबरमती व कोईना हॉस्टल तक पहुंच गए थे.
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