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केवल प्रेगनेंसी के चलते सूफरा को नहीं दी जा सकती जमानत, HC में बोली दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस ने नार्थ ईस्ट दिल्ली मे सांप्रदायिक हिंसा के सम्बंध में UAPA क़ानून के तहत गिरफ्तार जामिया की छात्रा सफूरा जरगर की ज़मानत अर्जी का विरोध किया है

Updated on: 22 Jun 2020, 02:46 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने नार्थ ईस्ट दिल्ली मे सांप्रदायिक हिंसा के सम्बंध में UAPA क़ानून के तहत गिरफ्तार जामिया की छात्रा सफूरा जरगर की ज़मानत अर्जी का विरोध किया है.दिल्ली HC में दाखिल जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा किगर्भवती होने की वजह से सफूरा ज़मानत की हक़दार नहीं हो सकती. उसके खिलाफ साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने के पर्याप्त सबूत हैं.

प्रेग्नेंसी के मद्देनजर जेल में नियमों के मुताबिक उसे ज़रूरी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. उसे अलग वार्ड में रखा गया है. पिछले 10 सालो के अंदर जेल में 30 डिलीवरी हो चुकी हैं. नियमों के मुताबिक गर्भवती कैदियों का पर्याप्त ध्यान जेल में रखा जाता है.

वहीं सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता और अडिशनल सॉलिसीटर जनरल अमन लेखी ने कोर्ट से कल तक सुनवाई टालने का आग्रह किया है. दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने इस केस में तुषार मेहता और अमन लेखी की पैरवी का विरोध किया. मेहरा ने कहा कि इन दोनों के पास दिल्ली पुलिस की पैरवी करने के लिए ज़रूरी अनुमति नहीं है. जस्टिस राजीव शकधर की बेंच ने सुनवाई कल तक के लिए टाल दी है. कोर्ट ने कल यानी मंगलवार को राहुल मेहरा को भी पेश होने की इजाज़त दी है.