दिल्ली पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों में हुई क्षति के आंकलन के लिए दावा आयुक्त नियुक्त करने की मांग की
उच्च न्यायलय के महापंजीयक को लिखे गए इस पत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों में सरकारी संपत्ति को भारी क्षति पहुंची है.
दिल्ली:
दिल्ली पुलिस ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान संपत्ति को पहुंचे नुकसान का आकलन करने के लिए ‘दावा आयुक्त’ की नियुक्ति के वास्ते उच्च न्यायालय को पत्र लिखा है. सूत्रों ने या जानकारी मिली. उच्च न्यायलय के महापंजीयक को लिखे गए इस पत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों में सरकारी संपत्ति को भारी क्षति पहुंची है. पत्र के अनुसार, “इन सीएए/एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान कई सार्वजनिक वाहनों सहित सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है जिससे सरकारी कोष को नुकसान हुआ है.”
दिल्ली पुलिस ने दंगा और आगजनी में शामिल लोगों के खिलाफ 10 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल पहले ही गठित किया जा चुका है. दिल्ली पुलिस ने 2009 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार “क्षति का अनुमान लगाने और देयता की जांच करने के लिए दावा आयुक्त की नियुक्ति की मांग की जो सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले अपराधियों से वसूली से संबंधित मामले में सहायक हो.”
इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी ने संशोधित नागरिकता अधिनियम और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी देखी. प्रदर्शनकारियों ने 15 दिसंबर को दक्षिणी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में चार सार्वजनिक बसों और दो पुलिस वाहनों को आग लगा दी थी. इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने भी राज्य में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की वसूली करने की मांग की. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने सोमवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान देश भर में रेलवे की 80 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा और इसकी भरपाई आगजनी एवं हिंसा में संलिप्त पाए गए लोगों से की जाएगी.
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