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जामिया हिंसा पर दिल्ली पुलिस बोली- अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ लिया जाएगा एक्शन, दंगाइयों ने फेंके पेट्रोल बम

नागरिकता संशोधन एक्ट (Citizenship Amendment Act 2019) के विरोध में रविवार को हुए हिंसक प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

Updated on: 16 Dec 2019, 03:29 PM

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन एक्ट (Citizenship Amendment Act 2019) के विरोध में रविवार को हुए हिंसक प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने पूरी घटना की जानकारी दी और कहा- हिंसा में पुलिस की तरफ से फायरिंग नहीं की गई है. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की थी, इसलिए एक्शन हुआ था.

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दिल्ली पुलिस के डीसीपी व प्रवक्ता एमएस रंधावा ने आगे कहा की जामिया के कैंपस रोड के दोनों साइड से हैं, जहां से पुलिस पर पथराव बोतल और पेट्रोल बम फेंके जा रहे थे. ऐसी हालात में दंगाइयों को काबू करते हुए पुलिस उन्हें पीछे की तरफ खदेड़ रही थी. हो सकता है उसी दौरान पुलिसकर्मी पीछा करते हुए जामिया कैंपस में दाखिल हुई हो. डीसीपी ने आगे कहा कि दंगा करने वालों ने पेट्रोल बम से हमला किया. जामिया मामले में सोशल मीडिया के जरिए अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस जांच कर रही है. इसमें जो भी शामिल होंगे उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने रविवार को ट्वीट करके एक फोटो शेयर की थी, जिसमें पुलिस पर बस में आग लगाने की साजिश करने का आरोप लगाया था, उस आरोप को पुलिस ने सरासर गलत बताया है. दिल्ली पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि पुलिस बस की आग बुझाने में जुटी थी. प्रवक्ता डिप्टी सीएम को लेकर कुछ नहीं बोले, लेकिन यह साफ कहा कि जिसने भी अफवाह फैलाने का काम किया, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

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उन्होंने आगे कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में एक डीसीपी, एक एसीपी और दो एसएचओ समेत 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इनमें से एक पुलिस कर्मी आईसीयू में है. 39 प्रदर्शनकारी भी घायल हुए हैं. पूरे घटनाक्रम के बाद न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और जामिया नगर थाने में दंगा फसाद की धाराओं के तहत दो एफआईआर दर्ज की गई हैं.

डीसीपी ने आगे कहा कि पूरे घटनाक्रम की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. पुलिस ने अपील की है कि छात्र किसी बहकावे में न आएं, जो लोग दंगे फसाद में शामिल थे सिर्फ उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. पूरे बवाल में 100 से ज्यादा वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया, जिनमें चार डीटीसी की बसें, 2 पुलिस की गाड़ियां शामिल हैं.