Crime News : बूंदी के लड्डू ने फरार कैदी को दोबारा पहुंचाया सलाखों के पीछे, दिलचस्प है पूरी कहानी

Crime News: एक हत्या की सजा काट रहा कैदी पैरोल पर बाहर आने के बाद फरार हो जाता है, उसे एक बूंदी के लड्डुओं की वजह से वापस दबोच लिया जाता है. लेकिन, ऐसा क्या होता है कि वो दोबारा पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है. आइए बताते हैं...

Crime News: एक हत्या की सजा काट रहा कैदी पैरोल पर बाहर आने के बाद फरार हो जाता है, उसे एक बूंदी के लड्डुओं की वजह से वापस दबोच लिया जाता है. लेकिन, ऐसा क्या होता है कि वो दोबारा पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है. आइए बताते हैं...

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Yashodhan.Sharma
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Laddu

Laddu Photograph: (Social)

Delhi News: एक फरार कैदी को बूंदी के लड्डू हमेशा याद रहेंगे, क्योंकि उसके साथ जो हुआ वो वाकई में बड़ा ही दिलचस्प था. दरअसल, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने एक अनोखे ऑपरेशन के तहत पैरोल पर भागे हत्या के दोषी युवक को पकड़ा है. रिपोर्ट की मानें तो वह तीन साल से ज्यादा समय से पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा था, लेकिन बूंदी के लड्डुओं की वजह से वो दोबारा उनकी गिरफ्त में आ गया.

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ये है पूरा मामला

पुलिस अधिकारियों के अनुसार पकड़े गए इस युवक की पहचान कैलाश (40) के रूप में हुई है, जो कि नजफगढ़ में रहता था. रिपोर्ट के अनुसार कैलाश ने यहां साल 2008 में अवैध संबंध के शक के चलते अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद साल 2011 में आरोपी को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.  

क्राइम ब्रांच ACP संजय कुमार सैन ने मीडिया को बताया, दोषी कैलाश आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. लेकिन,  Covid-19 महामारी के दौरान (साल  2021) उसे तीन महीने की पैरोल दी गई थी, जिसके बाद उसे आत्मसमर्पण करना था. मगर ऐसा नहीं हुआ और वह आत्मसमर्पण करने की जगह भाग निकला. 

ऐसे दे रहा था चकमा

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि कैलाश चकमा देने के लिए अक्सर एक जगह से दूसरी जगह जाता रहता था. शुरू में एक साल तक दिल्ली के लक्ष्मी नगर में रहा और फिर दो साल के लिए हरिद्वार निकल गया. एसीपी ने आगे बताया कि कैलाश को हाल ही में मध्य प्रदेश से उसके पैतृक गांव से पकड़ा है. वह यहां पर ही दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहा था.

पुलिस ने की प्लानिंग

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय मुखबिरों से उसकी गतिविधियों की पुष्टि होने के बाद अधिकारियों ने एक प्लान बनाया. इसके तहत गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी पर दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम सिविल ड्रेस में ग्रामीणों के बीच पहुंची. यहां टीम लोगों के साथ घुल-मिल गई और  'बूंदी-लड्डू' बांटने लगी, ताकि संदेह से बचा जा सके और चुपके से कैदी की पहचान की जा सके. इसी बीच, फरार कैदी कैलाश भी लड्डू लेने पहुंच गया, जिसके बाद कैदी को पहचान लिया और फिर बीते मंगलवार के दिन योजना के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. अब वह जेल की सलाखों के पीछे अपनी सजा काट रहा है.

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