दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग को खोलने की अपील की. अधिकारियों ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली एनसीआर के निवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग क्षेत्र में लोग एक महीने से धरना-प्रदर्शन पर बैठे हैं. यह सड़क नोएडा और दिल्ली को जोड़ने का काम करती है और विरोध प्रदर्शन के कारण नोएडा यातायात पुलिस ने उसे बंद कर दिया है.
पुलिस बयान में कहा गया है कि हम रोड नंबर 13 ए पर बैठे विरोध प्रदर्शनकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे लोगों को हो रही परेशानी को समझें. राजमार्ग पूरी तरह बंद होने के कारण दिल्ली और एनसीआर के निवासियों, वरिष्ठ नागरिकों, मरीजों और स्कूल के बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि जामिया इलाके के शाहीनबाग में प्रदर्शनकारी महिलाओं को लेकर एक वीडियो बीते 24 घंटे के दौरान तेजी से वायरल हुआ है. सोशल मीडिया में इस वायरल वीडियो में दो युवक चर्चा कर रहे हैं कि प्रत्येक महिला को प्रदर्शन में आने के लिए 500 रुपये दिए जा रहे हैं. नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) के खिलाफ सर्द मौसम में खुले आसमान तले एक महीना से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहीं महिलाओं पर तोहमत लगाए जाने के जवाब में धरने पर बैठीं 71 वर्षीय सीमा आलम ने कहा, 'हो सकता है कि 500 रुपये लेकर कोई किसी धरने में चला जाए, लेकिन यहां तो हम सभी पुलिस की गोली खाने को तैयार बैठे हैं. सीएए के खिलाफ जारी इस आंदोलन को जारी रखने के लिए हम अपनी जान देने को तैयार हैं.'
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर जारी किए गए इस वीडियो में कहा गया है कि शाहीनबाग में धरना दे रहीं महिलाएं शिफ्ट के हिसाब से इस धरने में आती हैं. प्रत्येक शिफ्ट के लिए हर एक महिला को 500 रुपये का भुगतान किया जा रहा है. हन्हें रुपये कौन दे रहा है, न तो इसका खुलासा किया गया है और न ही इस वीडियो की सत्यता अभी साबित नहीं हो पाई है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो की चर्चा गुरुवार को शाहीनबाग में भी होती रही. प्रदर्शन कर रहीं महिलाएं व उनके साथ मौजूद युवाओं ने इस वीडियो को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की.
Source : News Nation Bureau