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दिल्ली को 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत, केंद्र बढ़ाए कोटा : दिल्ली सरकार

दिल्ली में कुल 16,272 Non ICU बेड्स हैं, केंद्र के फॉर्मूले के हिसाब इन बेड्स को संचालित करने के लिए 305 MT oxygen की आवश्यकता होगी, इसके अतिरिक्त छोटे नर्सिंग होम में 100 ICU बेड्स और हैं जिन्हें संचालित करने मेन लिए 120 MT oxygen की आवश्यकता होगी.

Updated on: 29 Apr 2021, 06:09 PM

highlights

  • दिल्ली सरकार की केंद्र से और ऑक्सीजन की मांग
  • 490 मीट्रिक टन प्रतिदिन से बढ़ाकर 976 मीट्रिक टन
  • सभी बेड्स के लिए 704+ 272 = 976 MT oxygen की आवश्यकता

नयी दिल्ली:

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाए जाने की मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखी है. सिसोदिया ने केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष यह मांग रखते हुए कहा है कि दिल्ली का मौजूदा ऑक्सीजन कोटा 490 मीट्रिक टन प्रतिदिन से बढ़ाकर 976 मीट्रिक टन प्रतिदिन किया जाना चाहिए. दिल्ली सरकार के मुताबिक इस बार जो कोरोना की लहर आई है, यह पहले की तीन लहर से बिल्कुल अलग है. पहले कोविड केयर सेंटर में हजारों लोग होते थे, लेकिन इस बार की लहर में जो भी मरीज आ रहे हैं, उनको ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत पड़ रही है. इसलिए कोविड केयर सेंटर में बहुत कम लोग जा रहे हैं.

दिल्ली में कुल 16,272 Non ICU बेड्स हैं, केंद्र सरकार के फॉर्म्यूले के हिसाब इन बेड्स को संचालित करने के लिए 305 MT oxygen की आवश्यकता होगी, इसके अतिरिक्त छोटे नर्सिंग होम में 100 ICU बेड्स और हैं जिन्हें संचालित करने मेन लिए 120 MT oxygen की आवश्यकता होगी. 15000 नय oxygen बेड्स तैयार करने के लिए 280 MT oxygen बेड्स की आवश्यकता होगी. कुल मिलाकर दिल्ली में Non ICU बेड्स को संचालित करने के लिए 704 MT oxygen की आवश्यकता है. दिल्ली में कुल 4866 ICU बेड्स हैं, दस मई तक 1200 और ICU बेड्स तैयार हो जाएंगे, यानी कुल 6066 ICU बेड्स, केंद्र सरकार के फॉर्म्यूले के हिसाब से 6066 ICU बेड्स को संचालित करने के लिए 272 MT oxygen की आवश्यकता होगी.

दिल्ली को अपने सभी बेड्स की oxygen supply सुचारू रखने के लिए 704+ 272 = 976 MT oxygen की आवश्यकता है. ये सारी caculation केंद्र सरकार के फ़ोरमूले पर आधारित है. जहां दिल्ली को 976 MT oxygen की आवश्यकता है वही केंद्र सरकार दिल्ली को केवल 480 MT oxygen दे रही है, जो कुल demand का आधा है. वहीं देश के अन्य राज्यों को केंद्र सरकार demand के हिसाब से और कहीं कहीं तो demand से अधिक oxygen मुहैया करा रही है. तो फिर दिल्ली सरकार और दिल्ली वालों के साथ दोहरा मापदण्ड क्यों? वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल मुख्य सचिव से कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट के माध्यम से उपराज्यपाल ने कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों को लेकर जानकारी देने को कहा है. गौरतलब है कि 1 मई से देशभर में 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों का वैक्सीनेशन किया जाना है.

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स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार का सबसे अधिक ध्यान ऑक्सीजन बेड बढ़ाने पर है. दिल्ली के अंदर बहुत अधिक ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है. एकदम से यह मांग बढ़ गई है. दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में करीब 19 हजार मरीज भर्ती हैं और उन सभी लोगों को ऑक्सीजन चाहिए. इनके अलावा भी बहुत से लोग हैं, जिनको ऑक्सीजन की आवश्यकता है.

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह राजनीति का समय नहीं है. छह माह पहले भी विपक्ष ने शोर मचाया था, जबकि सब कुछ ठीक था. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि पहली बात तो कोई नहीं चाहेगा कि एक भी मौत हो. दिल्ली में मृत्यु प्रमाण पत्र किसी का न बन रहा हो, तो बताए. सबका मृत्यु प्रमाण पत्र बन रहा है और उस पर लिखा रहता है कि कोरोना से मौत हुई है. दिल्ली के अंदर सब कुछ पारदर्शी है. हम कभी भी कोई बात नहीं छिपाते हैं और न आगे भी छिपाएंगे. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र सरकार द्वारा एलजी को सारी शक्तियां देने के संबंध में कहा कि हम अपना काम करते रहेंगे. जनता के लिए जो भी हमें करना है, वो सभी काम हम करते रहेंगे. दिल्ली के लोगों की भलाई के काम में जो भी अड़चनें आएंगी, हम उसे सकारात्मक लेते हुए काम करेंगे.

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स्वास्थ्य मंत्री ने शवों को ले जाने वाले वाहनों द्वारा अधिक पैसा वसूलने के सवाल पर कहा कि दिल्ली सरकार जो कैब एंबुलेंस चला रही है, उसमें आज भी कोई दिक्कत नहीं है. कोई भी 102 नंबर डॉयल कर इसकी सेवा ले सकता है. मुझे लगता है कि दिल्ली के अंदर लोगों को इस तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा होगा. दिल्ली के बाहर जाने वालों को इस तरह की समस्या हो सकती है. इसे भी हम ठीक करेंगे.