/newsnation/media/post_attachments/images/2020/02/23/gujarat-road-show-trump-modi-32.jpg)
प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News state)
कोरोना महामारी के बीच जहां अब सरकार ने अनलॉक 1 की शुरुआत कर दी है. वहीं एनसीआर के शहरों ने अनपे बॉर्डर को सील करने के लिए कई तरह के आदेश भी जारी किए हैं. बॉर्डर सील होने के कारण एनसीआर क्षेत्र में रह रहे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बहरहाल, इस मुद्दे पर अब सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि एनसीआर क्षेत्र के लिए एक कॉमन पास बनाया जाए, ताकि कामकाज के लिए एक शहर से दूसरे शहर आने जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े . सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में आवागमन के लिए एक सुसंगत नीति होनी चाहिए . सभी राज्य इसके लिए एक समान नीति तैयार करें . एक हफ्ते के भीतर ये एक नीति तैयार हो. इसके लिए तीनो राज्यों की बैठक कराई जाए .
बता दें कि नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम के प्रशासन द्वारा अपने बॉर्डर सील करने के बाद गत दिनों दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपने बॉर्डर सील करने के आदेश दिए थे , जिसके चलते एनसीआर में रहने वाले लोगों और पास धारकों को दूसरे शहर जाने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
लोगों की दिक्कत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी . इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बुधवार को एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास बनाने का निर्देश दिया है . जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में आवाजाही के लिए एक कॉमन पोर्टल बनाया जाए . इसके लिए सभी स्टेक होल्डर मीटिंग करें और एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास जारी करें, जिससे एक ही पास से पूरे एनसीआर में आवाजाही हो सके .
हरियाणा ने हटाए प्रतिबंध
सुनवाई के दौरान हरियाणा ने कहा कि हमने सभी प्रतिबंध हटा दिए हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्तमान हालात में एक नीति, एक रास्ता और एक पोर्टल बनाया जाए . वहीं केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वो इसके लिए केंद्र सरकार से निर्देश लेंगे ताकि एक समान नीति हो और लोगों को परेशानी ना हो .
Source : News Nation Bureau