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हेलीटैक्सी से लेकर हाईटेक एक्सप्रेस-वे तक... अगले 20 साल में इतना बदल जाएगा दिल्ली-NCR

एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने शहरों के बीच बेहतर संपर्क कायम करने के लिए ड्राफ्ट रीजनल प्लान-2041 को मंजूरी दे दी है. इस प्लान के तहत भविष्योन्मुख, झुग्गी मुक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एयर एंबुलेंस, हेलीटैक्सी, रोड, रेल और जलमार्ग के जरिये तेज गति स

Updated on: 13 Oct 2021, 10:10 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली एनसीआर के डवलपमेंट को लेकर अगले 20 साल का मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है. मास्टर प्लान में शहर के ट्रांसपोर्ट सिस्टम से लेकर लोगों की सहूलियत के लिए हर पहलू को ध्यान में रखा गया है. एनसीआर प्लान का अनुमान है कि एनसीआर की आबादी 2031 तक 7 करोड़ और 2041 तक 11 करोड़ पहुंच सकती है. ड्राफ्ट प्लान में तेज रफ्तार रेल के जरिये 30 मिनट में एनसीआर के बड़े शहरों के बीच आवागमन और मास ट्रांजिट रेल सिस्टम के जरिये एनसीआर के नजदीकी सीमाओं से 30 मिनट में दिल्ली पहुंचने के लिए विशेष उपाय करने पर जोर है. दरअसल एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने ड्राफ्ट रीजनल प्लान-2041 को मंजूरी दे दी है. इस प्लान में झुग्गी मुक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एयर एंबुलेंस, हेलीटैक्सी, रोड, रेल और जलमार्ग के जरिये तेज गति संपर्क की परिकल्पना की गई है.  

शहरों के बीच चलेगी बुलेट ट्रेन या हेलीटैक्सी 
ड्राफ्ट में शहर के बीच के ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर खासा ध्यान दिया गया है. इसमें शहरों के बीच की दूरी को कम से कम समय में कैसे पूरा किया जाए, इस पर योजना तैयार की गई है. तेज रफ्तार ट्रांसपोर्ट के लिए तेज रफ्तार बुलेट ट्रेन या हेलीटैक्सी से एक से दूसरे शहर में 30 मिनट के अंदर, दूसरी ट्रेनों से 60 मिनट के अंदर और दो से तीन घंटे के अंदर कार से पहुंचा जा सके. दिल्ली को एनसीआर के बड़े शहरों से सुपरफास्ट ट्रेन से मात्र 30 मिनट की दूरी पर होना चाहिए. इतना ही नहीं ड्राफ्ट में जल और वायु की गुणवत्ता सुधारने, पर्यावरण संरक्षण, शहरी पुनर्निर्माण, आसान जीवन यापन, झुग्गी मुक्त क्षेत्र, 24 घंटे एयर एंबुलेंस, स्वच्छ और स्मार्ट एनसीआर आदि कुछ और बड़े कदम हैं.  

दो नए एक्सप्रेस-वे होंगे तैयार
दिल्ली एनसीआर के ट्रांसपोर्ट को और बेहतर बनाने के लिए नए एक्सप्रेस-वे भी बनाए जाएंगे. ड्राफ्ट में ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के अलावा नए ड्राफ्ट में दो और एक्सप्रेस-वे के निर्माण की योजना बनाई गई है. इसमें पहला सर्कुलर एक्सप्रेस-वे के जरिये पानीपत-शामली-मेरठ-जेवर-नूह-भिवाडी-रेवाड़ी-झज्जर-रोहतक-पानीपत और दूसरे एक्सप्रेस-वे के जरिये करनाल-मुजफ्फरनगर-गढ़मुक्तेश्वर-नरौरा-अलीगढ़-मथुरा-डीग-अलवर-महेंद्रगढ़-चरखी दादरी- भिवानी-कैथल-करनाल को जोड़ा जाएगा. 

एनसीआर की 100 से अधिक होगी सीमा  इससे पहले ये सीमा 150 से लेकर 175 किलोमीटर तक थी. इसका अर्थ ये है कि अब 100 किलोमीटर के दायरे में ही सड़कों, रेल या हवाई नेटवर्क का विकास किया जाएगा. बोर्ड के सूत्रों ने कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और मेरठ आदि शहर अब भी एनसीआर बोर्ड का अंग रहेंगे. रीजनल प्लान-2041 में एनसीआर की सीमा को भी बढ़ा दिया गया है. अब एनसीआर की सीमा को राजघाट से 100 किमी तक कर दिया गया है. तय प्रक्रिया के तहत लोगों की राय के अनुसार जरूरी बदलाव करने के बाद ड्राफ्ट योजना का अंतिम रूप मार्च 2022 तक बोर्ड से स्वीकृत करवा लिया जाए.